Uttrakhand News :उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों को नौकरी में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण विधेयक को राजभवन की मिली मंजूरी

0
ख़बर शेयर करें -

उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों को नौकरी में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण विधेयक को राजभवन की मंजूरी मिल गई है।

विधेयक को मंजूरी मिलने से 11 हजार से अधिक राज्य आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों को इसका लाभ मिलेगा।

साल फरवरी में धामी सरकार ने प्रवर समिति की सिफारिशों को मानते हुए विधेयक को कुछ संशोधन के बाद राजभवन भेजा था।

धामी सरकार ने 8 सितंबर 2023 को सदन में विधेयक पेश किया था, लेकिन कुछ सदस्यों ने विधेयक के प्रावधानों में कुछ संशोधन के लिए इसे प्रवर समिति को भेजने की मांग की थी। सदस्यों की मांग पर स्पीकर ने विधेयक को प्रवर समिति को भेज दिया था। 6 फरवरी 2024 को विधेयक प्रवर समिति की सिफारिशों को शामिल करते हुए पारित किया गया। हाईकोर्ट ने मार्च 2018 में राज्य आंदोलनकारियों के लिए सरकारी सेवा में क्षैतिज आरक्षण को असंवैधानिक घोषित कर दिया था।

यह भी पढ़ें 👉  Weather Update:उत्तराखंड के तीन जिलों में आज भारी से बहुत भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट किया गया जारी,अन्य जिलों में गरज के साथ तीव्र बौछारें पड़ने के आसार

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य आन्दोलनकारियों के लिए सरकारी सेवा में 10 प्रतिशत आरक्षण दिये जाने की व्यवस्था से संबंधित विधेयक को प्रदेश के राज्यपाल ले.ज. से.नि. गुरमीत सिंह द्वारा स्वीकृति प्रदान किये जाने पर प्रसन्नता व्यक्त की है। इसके लिए मुख्यमंत्री ने राज्यपाल का आभार भी व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार राज्य आन्दोलनकारियों के संघर्ष और बलिदान को कभी भूल नहीं सकती।

राज्य आन्दोलनकारी हमारे लिए सदैव सम्मानीय रहे है। हमारी सरकार उनकी सुविधाओं को शीर्ष प्राथमिकता देती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने राज्य आन्दोलनकारियों एवं उनके सभी आश्रित पात्रों के लिए सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय लिया था तथा इसका विधेयक विधानसभा में पारित कर राज्यपाल जी को भेजा गया था, जिसपर उन्होंने अपनी सहमति प्रदान कर दी है।

यह भी पढ़ें 👉  Almora News:थानाध्यक्ष धौलछीना ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2025 के दृष्टिगत ग्राम प्रहरियों की मीटिंग लेकर दिये आवश्यक दिशा-निर्देश

इससे राज्य आन्दोलनकारियों की एक बड़ी लम्बित मांग की भी पूर्ति हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने राज्य आन्दोलनकारियों की पेंशन बढ़ाने के साथ ही राज्य आन्दोलनकारियों की मृत्यु के पश्चात् उनके आश्रितों को भी पेंशन देने का निर्णय लिया है। राज्य सरकार राज्य आन्दोलनकारियों के सपनों का उत्तराखण्ड बनाने के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *