उत्तराखंड : समान नागरिक संहिता में महिला अधिकारों को अधिक महत्व दिया जा सकता है पहली बैठक में

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उत्तराखंड : समान नागरिक संहिता में महिला अधिकारों को अधिक महत्व दिया जा सकता है। इसके लिए समिति महिलाओं से सुझाव आमंत्रित करेगी। समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए गठित विशेषज्ञ समिति की पहली बैठक में इस विषय पर गंभीरतापूर्वक मंथन किया गया।

 

बैठक में समिति द्वारा किए जाने वाले कार्यों की रूपरेखा तय करने के साथ ही इसके लिए देश के विभिन्न राज्यों व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समान नागरिक अधिकारों के संबंध में बने कानूनों का अध्ययन करने का निर्णय लिया गया। इसके बाद समिति सभी हितधारकों के साथ बैठक कर आमजन से भी सुझाव आमंत्रित करेगी।

सोमवार को नई दिल्ली स्थित उत्तराखंड सदन में समान नागरिक संहिता के लिए गठित विशेषज्ञ समिति की पहली बैठक समिति की अध्यक्ष न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में हुई। सूत्रों के अनुसार बैठक में समिति के कार्यों को लेकर चर्चा हुई। निर्णय लिया गया कि समिति को जिन बिंदुओं पर काम करना है, उन सभी के लिए एक समयसीमा तय की जाएगी। विशेषज्ञ समिति जल्द से जल्द उत्तराखंड में लागू की जाने वाले समान नागरिक संहिता का प्रारंभिक खाका तैयार करेगी।

समिति विशेषकर महिला प्रतिनिधियों के सुझावों को अपनी रिपोर्ट में शामिल करेगी। समिति के कार्यों को गति देने के लिए अधिक से अधिक बैठकें करने का निर्णय लिया गया। समिति की अगली बैठक 14-15 जुलाई को प्रस्तावित है। बैठक में सदस्य न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) प्रमोद कोहली, उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह, दून विश्वविद्यालय की कुलपति डा सुरेखा डंगवाल, सामाजिक कार्यकर्ता मनु गौड़ एवं सदस्य सचिव अजय मिश्रा मौजूद रहे।

 

 

यह समिति की पहली बैठक थी। इसमें सभी सदस्य मौजूद थे। अभी समिति की प्रारंभिक बातचीत हुई है। अगली बैठक 14 अथवा 15 जुलाई को होगी। आने वाली बैठकें काफी महत्वपूर्ण रहेंगी

सरकार के गठन के बाद समान नागरिक संहिता के लिए समिति का गठन किया गया। समिति हित धारकों से बात करने के साथ ही उनके सुझाव लेगी। आमजनता से सुझाव देने का आग्रह किया गया है। जल्द ही इसका ड्राफ्ट तैयार हो जाएगा।

 

सभी नागरिकों के व्यक्तिगत नागरिक मामलों को नियंत्रित करने को कानून का ड्राफ्ट तैयार करना।

वर्तमान में प्रचलित कानूनों में संशोधन व सुझाव उपलब्ध कराना।

राज्य में विवाह, तलाक के संबंध में वर्तमान में प्रचलित कानूनों में एकरूपता लाने का ड्राफ्ट बनाना।

संपत्ति के अधिकार एवं उत्तराधिकार के संबंध में प्रचलित कानूनों में एकरूपता

विरासत, गोद लेने एवं रखरखाव और संरक्षण के संबंध में प्रचलित कानूनों में एकरूपता।

राज्य में समान नागरिक संहिता के लिए ड्राफ्ट तैयार करना।

रिपोर्ट कब तैयार होगी तय नहीं

 

 

 

समिति अपनी रिपोर्ट कब तक तैयार करके राज्य सरकार को सौंपेगी इस प्रश्न के जवाब में जस्टिस देसाई ने कहा ये अभी तय नहीं हैं कब तक रिपोर्ट तैयार करके सौंपनी हैं लेकिन हमारी आज पहली बैठक हुई हैं

 

 

 

अगली बैठक में महत्वपूर्ण बातचीत होगी. वही्ं, उत्तराखंड देश का पहला राज्य है जहां यूनिफॉर्म सिविल कोड का प्रारूप तैयार करने को लेकर समिति का गठन किया गया है. इस समिति जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई के अलावा रिटायर जज प्रमोद कोहली, मनु गौड़, पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघन सिंह, और दून विश्विद्यालय की कुलपति सुरेखा डंगवाल सदस्य हैं.

 

 

 

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