उत्तराखण्ड हाई कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार से इन मुद्दों पर मांगे जवाब

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उत्तराखण्ड हाई कोर्ट ने रामनगर के एकमात्र खेल मैदान में लगाई जा रही नुमाइस के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार, स्कूल प्रबंधक सहित सभी पक्षो को नोटिस जारी कर 23 मार्च तक जवाब पेस करने को कहा है

 

 

 

 

 

 

साथ ही खण्डपीठ ने खेल मैदान में लगाई जा रही नुमाइस व व्यवसायिक गतिविधियों पर रोक लगाने के साथ ही कोर्ट के आदेशों का पालन नही करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाय। मामले की सुनवाई के लिए 23 मार्च की तिथि नियत की है।

 

 

 

 

आपकों बता दे कि रामनगर निवासी सदाबुलहक रामनगर स्पोर्ट क्लब के सदस्य ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि रामनगर के एमपी इंटर कालेज के मैदान को 1913 में खेल गतिविधियों के लिए निशुल्क लीज पर दिया गया था जिससे वहाँ पर खेल गतिविधिया हो सके। याचिकाकर्ता का कहना है कि इस खेल मैदान से कई खिलाड़ी नेशनल स्तर पर खेल रहे है। वर्तमान में इस मैदान पर जो व्यवसायिक गतिविधिया की जा रही है उससे खेल मैदान को क्षति पहुँचने के साथ ही खेल गतिविधियों पर भी पड़ रहा है।

 

 

 

 

 

 

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने समाधान एनजीओं द्वारा प्रदेश के जनपदों में वृद्ध आश्रम खोलने व आश्रमों में अन्य सभी सुविधाओं के साथ ही चिकित्सीय सुविधाएं उपलब्ध कराने के को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए। राज्य सरकार से 7 दिसंबर तक जवाब पेस करने को कहा है मामले की सुनवाई के लिए 7 दिसंबर की तिथि नियत की है।

 

 

 

 

 

आपकों बतादे कि देहरादून की समाधान एनजीओं ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि 2018 में उच्च न्यायालय ने सरकार को सभी जिलों में वृद्ध आश्रम खोलने व आश्रम में बुजुर्गों के लिए अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे। लेकिन 4 साल बीतने के बाद भी राज्य में बुजुर्गों के लिए वरिष्ठ नागरिकों न तो आश्रम खोले गए और न ही

 

 

 

 

 

 

 

उन्हें कोई सुविधाएं उपलब्ध कराई गई। ऐसे में वरिष्ठ नागरिकों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। यह प्रदेश सरकार का दायित्व है कि प्रत्येक जिले में वृद्ध आश्रम खोले जाएं। याची ने वृद्ध आश्रमों में पर्याप्त सुविधाओं की उपलब्धता पर भी जोर दिया। याची का कहना था कि केवल नाम के लिए आश्रम न खोले जाएं।

 

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