उत्तराखंड में लंपी वायरस का अटैक-अलर्ट जारी, पशुओं के लिए ऊधमसिंह नगर और यूपी की सीमा सील

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उत्तराखंड से अब इसके डराने वाले आंकड़े आ रहे हैं. यहां पिछले 4 दिनों में 3131 ज्यादा लंपी वायरस के मामले दर्ज किए गए. यहां पिछले 4 दिनों में 3131 ज्यादा लंपी वायरस के मामले दर्ज किए गए.हालांकि, इनमें से तकरीबन 1,669 मवेशी इस संक्रमण से उबर चुके हैं. 

मवेशियों में लंपी वायरस की बीमारी होने पर उनके स्किन में सबसे पहले गांठें नजर आने लगती है. यह वायरस इतनी तेजी से फैलता है की एक से दूसरे जानवर इससे ग्रसित होकर मरने लगते हैं. पिछले साल अक्टूबर में इस बीमारी से राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, एमपी, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और दिल्ली सहित कई राज्यों में सबसे ज्यादा गायों की मौत हुई थी. 

हालांकि इस वायरस की रोकथाम के लिए टीका भी है लेकिन कमजोर इम्‍यूनिटी वाली गायों को यह वायरस तेजी से हमला करता है और समय से बीमारी पकड़ न आने से कई जानवरों में फैल जाता है. हालांकि इसके लक्षण (Lumpy Virus Symptoms and Remedy) शुरूआत में दिखाई नहीं देते लेकिन आयुर्वेदिक इलाज से इसे ठीक किया जा सकता है. 

क्या है लंपी वायरस 

साल 2019 में पहली बार भारत में इस वायरस की दस्तक हुई थी, यह त्वचा का एक रोग है, जिसमें स्किन में गांठदार या ढेलेदार दाने बन जाते हैं. इसे एलएसडीवी कहते हैं. यह एक जानवर से दूसरे में फैलता है. यह कैप्रीपॉक्स वायरस के कारण ही फैलता है. जानकारी कहती है कि यह बीमारी मच्छर के काटने से जानवरों में फैलती है. 

 

लक्षण 

 

लंपी स्किन डिजीज के प्रमुख लक्षण पशु को बुखार आना,वजन में कमी,आंखों से पानी टपकना,लार बहना,शरीर पर दाने निकलना,दूध कम देना और भूख नहीं लगाना है.इसके साथ ही उसका शरीर दिन प्रतिदिन और खराब होते जाना 

 

लंपी रोग से प्रभावित पशुओं को अलग रखें

मक्खी,मच्छर,जूं आदि को मार दें

पशु की मृत्यु होने पर शव को खुला न छोड़ें

पूरे क्षेत्र में कीटाणुनाशक दवाओं का छिड़काव करें

इस वायरस के आक्रमण से ज्यादातर पशुओं की मौत हो जाती है.

गाय के संक्रमित होने पर दूसरे पशुओं को उससे अलग रखें.

इंसानों को कितना खतरा है 

 

फिलहाल इसपर कोई ठोस जानकारी नहीं मिली है कि इंसानों को इस वायरस से कोई खतरा है या नहीं. लेकिन आईसीएमआर (ICMR) ने अपनी स्टडी में दावा किया है कि यह वायरस मवेशियों से इंसानों में नहीं फैलेगा.  हालांकि इसके लिए टेस्ट करवाए जा रहे हैं, लेकिन अब तक कोई पुख्ता सबूत सामने नहीं आया है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी यह बात साफ कर दी है कि अगर आप संक्रमित गाय का दूध पीते हैं तो भी आपको यह बीमारी नहीं होगी. 

 

कैसे बरतें सावधानी 

 

जब भी आप घर में दूध लाएं तो उसे उबाल लें क्योंकि यह वायरस को पूरी तरह से नष्ट कर देता है. इसमें मनुष्यों के लिए कोई हानिकारक पदार्थ नहीं होता है लेकिन अगर इस दूध का सेवन गाय के बछड़े द्वारा किया जाए तो यह उसके लिए हानिकारक हो सकता है. ऐसे में मवेशियों के बछड़े को अलग कर देना चाहिए।

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