उत्तराखंड में सहकारिता के चुनाव टलना तय ये है वजह

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उत्तराखंड में सहकारिता के चुनाव टलने के पूरे आसार हैं। 27 जुलाई को अधिकांश सहकारी समितियों, मिनी बैंकों का कार्यकाल समाप्त होने जा रहा है। ऐसे में इस एक महीने से भी कम समय में चुनाव समय पर कराना आसान नहीं है।

 

 

 

 

 

 

 

 

इन हालात में समितियों में प्रशासक बैठना तय है। अभी तक सहकारी समितियों की वोटर लिस्ट तक फाइनल नहीं है। ऊपर से विभाग ने 25 जून से 25 जुलाई तक सदस्यता अभियान शुरू कर दिया है।

 

 

 

 

 

 

जबकि समितियों का कार्यकाल 27 जुलाई को खत्म हो रहा है। दूसरी ओर रजिस्ट्रार कॉपरेटिव ने सहकारी समितियों की जांच भी शुरू कर दी है। जांच में निष्क्रिय समितियों के खिलाफ कार्रवाई होनी है। जो समितियां सिर्फ चुनाव के लिहाज से तैयार की गई हैं,

 

 

 

 

 

 

उन्हें चुनाव से बाहर करने की तैयारी है। इन सभी पहलुओं को देखते हुए चुनावों का खिसकना तय माना जा रहा है। इसकी भनक लगते ही सरकारी सिस्टम भी सुस्त पड़ गया है।
आलोक पांडे, रजिस्ट्रार को-ऑपरेटिव ने बताया की समितियों में सदस्यता अभियान शुरू किया गया है। निष्क्रिय समितियों की जांच पड़ताल चल रही है। सभी प्रक्रियाओं को समय पर पूरा कराने का प्रयास किया जा रहा है। एक्ट के तय प्रावधानों के अनुसार ही सहकारिता चुनाव को लेकर आगे बढ़ा जाएगा।

 

 

 

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