Uttarakhand News:हिमस्खलन त्रासदी के एक साल बाद बर्फ में दबा मिला लापता पर्वतारोही का शव, 28 हुई मृतकों की संख्या

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द्रौपदी का डांडा 2 हिमस्खलन त्रासदी को आज एक साल पूरा हो गया है।यह दिन पर्वतारोहण के इतिहास में कभी न भुलाया जाने वाला  दिन है।उत्तराखंड के उत्तरकाशी में द्रौपदी का डांडा-2 में हुए हिमस्खलन हादसे के एक साल बाद आज गुरुवार को एक लापता पर्वतारोही का शव बरामद हुआ है। दूसरा पर्वतारोही अब भी लापता है। अब हादसे में मृतकों की संख्या 28 हो गई है।

🔹27 लोगों की हो गई थी मौत 

चार अक्तूबर 2022 नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) के इतिहास में वह तारीख थी जिसने निम प्रबंधन को कभी न भूलने वाला गम दिया। निम के 34 प्रशिक्षुओं का दल द्रौपदी का डांडा-2 चोटी आरोहण के दौरान हिमस्खलन की चपेट में आ गया था जिसमें कुल 27 लोगों की मौत हो गई थी।

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🔹उत्तरकाशी ने सविता और नौमी को खोया था

हादसे में उत्तरकाशी जनपद ने एवरेस्ट विजेता सविता कंसवाल व पर्वतारोही नौमी रावत को खोया था। दोनों प्रशिक्षुओं के दल में बतौर प्रशिक्षक शामिल थी। जिनकी मौत की खबर ने उनके परिवार सहित जिले को कभी न भूलने वाला गम दिया। सविता ने बहुत कम समय में पर्वतारोहण के क्षेत्र में बड़ा मुकाम हासिल कर लिया था

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🔹ये लोग अभी भी लापता

वहीं, हादसे के बाद से दो लोग अभी भी लापता चल रहे हैं। जिनमें उत्तराखंड से नौसेना में नाविक विनय पंवार और हिमाचल निवासी लेफ्टिनेंट कर्नल दीपक वशिष्ट शामिल हैं।हालांकि, उस दौरान निम के साथ एसडीआरएफ की टीम ने दोनों लापता लोगों की खोजबीन के लिए माइनस 25 डिग्री तापमान में भी विशेष अभियान चलाया. इसके लिए निम ने बेंगलुरु से जीपीआर (ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार) मंगाकर भी दोनों लापताओं की खोजबीन की थी, लेकिन उनका कोई पता नहीं चला।