अल्मोड़ा पिथौरागढ़ नेशनल हाइवे में हो रहे डामरीकरण की गुणवत्ता पर क्षेत्रीय लोगो ने उठाये सवाल, सड़क के बीच गड्ढे बन रहे हादसे का कारण

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अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ हाइवे में लगभग बीते दो वर्ष से डामरीकरण का काम चल रहा है। हाइवे में पहले फेस का डामरीकरण अल्मोड़ा से दन्या बाजार तक किया गया था। दूसरे फेस में दन्या से पनार तक डामरीकरण का कार्य किया जा रहा है। हाइवे में कई जगहों पर डामर के उखाड़ने से सड़क मार्ग में गड्ढे बन चुके हैं जो वाहनो की आवाजाही में घातक बना हुआ हैं। जहाँ एक ओर सड़क पर गड्ढे वही दूसरी ओर सड़क के किनारे टूटी दीवालों का अभी तक निर्माण कार्य नही होना विभाग की लापरवाही दर्शाती है। 

दो साल पहले दन्या से पनार तक हाइवे के सुधारीकरण के पचास करोड़ का बजट शासन की स्वीकृति हुई थी। लेकिन दो साल हो जाने के बाद भी न तो डामरीकरण का कार्य हो पाया ना ही सुधारीकरण देखने को मिला। आये दिन मार्ग में जाम जैसी स्थिति बन जाती है। दन्या- पनार के बीच होने वाले डामरीकरण की गुणवत्ता पर क्षेत्रीय लोगो की बार-बार शिकायतें भी आ रही हैं। दन्या पनार सड़क मार्ग में बने स्क़ब्रों की जगह खतरनाक साबित हो रही है।  जिन्हें प्रॉपर तरीके से विभाग द्वारा व्यवस्तिथ नही किया गया है। 

 

देश का सीमांकन क्षेत्र होने से जवानों की कई टुकड़ियों को हाइवे से गुजरना होता है। जब आर्मी के ट्रकों को हाइवे से गुजरना होता है तो मार्ग से आनेवाले अन्य वाहनों को वहा का वही ठहराना पड़ जाता है चाहे वह आम हो या खास।

प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल के जिला उपाध्यक्ष हरीश दरमवाल ने बताया ही पहाड़ को पर्यटन नगरी के रूप में देखा जाता है। सीमांकन देश चीन व नेपाल को जोड़ने वाली राष्ट्रीय राजमार्ग की खस्ता हालत है। इस मार्ग पर हर वर्ष सैकड़ो लोगों को जान गवानी पड़ती है और कई लोग चोटिल भी हो रहे हैं। 

 

प्रधान प्रतिपक्ष डीके जोशी ने बताया अल्मोड़ा पिथौरागढ़ हाइवे में हो रहे डामर की गुणवत्ता कमी के साथ साथ स्क़ब्रों कि स्तिथि भी ठीक नही है।  चीन, नेपाल सीमाओं को जोड़ने वाले हाइवे में यदि भारतीय सेना के वाहनों की आवाजाही के समय हाइवे पर स्थानीय वाहनो को जहा के तहा ठहरना पड़ता है। जबकि राज्य सरकार भी अल्मोड़ा पनार के बीच हाइवे चौड़ीकरण का आस्वासन दे चुकी है। 

 

सामाजिक कार्यकर्ता बसंत पांडे ने बताया हाइवे अल्मोड़ा पनार तक सड़क के किनारे बंद नाला नही बनने से दो पहिया वाहनों को कई बार नाले में गिरते हुए देखा गया है और कई लोग चोटिल भी हो चुके हैं। जबकि हाइवे पर समयावधि के बीच कार्य होना जरूरी है।

अल्मोड़ा पिथौरागढ़ हाइवे हाइवे से जागेश्वर, वर्ध जागेश्वर, कैलाश मानसरोवर, पाताल भुवनेश्वर, हाट कालिका, लोहाघाट,पिथौरागढ़ मुनस्यारी, मायावती,चंपावत पूर्णागिरि जगहों को सैलानियों की आवाजाही हमेशा ही बनी रहती है।

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