पुष्कर सिंह धामी ने कहा- बीच में पढ़ाई छोडऩे की समस्या पर देना होगा ध्यान,कैबिनेट में आएगा मुख्यमंत्री मेधावी छात्रवृत्ति योजना का प्रस्ताव
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में ड्राप आउट की समस्या को गंभीरता से लिया है। उन्होंने कहा कि ड्राप आउट के कारणों का विस्तृत अध्ययन कर इसे रोकने के लिए ठोस कार्ययोजना बनाई जाए।उन्होंने ड्राप आउट पर अंकुश लगाने के लिए मुख्यमंत्री मेधावी छात्रवृत्ति योजना का प्रस्ताव अगली कैबिनेट में रखने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को सचिवालय में वर्ष 2025 तक सशक्त उत्तराखंड को लेकर विद्यालयी शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, उच्च शिक्षा, कौशल विकास और खेल विभाग के लिए तय लक्ष्यों की समीक्षा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के समग्र विकास के लिए अल्पकालिक एवं दीर्घकालिक योजनाओं के क्रियान्वयन पर विभागों को गंभीरता से काम करना होगा। निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति को सुनियोजित प्रयास हों। इसकी नियमित समीक्षा भी की जाए।
विद्यालयी शिक्षा विभाग की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि जिन जिलों में विद्यार्थी ड्रापआउट हो रहे हैं, उनके कारणों का पता लगाया जाना चाहिए। बताया गया कि प्रदेश में ड्राप आउट की दर माध्यमिक स्तर पर पांच प्रतिशत, उच्च प्राथमिक में दो प्रतिशत और प्राथमिक में 0.8 प्रतिशत है।
उन्होंने कहा कि सरकारी विद्यालयों में शिक्षा के गुणात्मक सुधार एवं विद्यार्थियों के पंजीकरण को बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास किए जाएं। पीएमश्री योजना के अंतर्गत चयनित 142 विद्यालयों के लिए सभी आवश्यक अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए पूरी तैयारी की जाए। व्यावसायिक शिक्षा पर विशेष ध्यान देने और सभी विद्यालयों में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए।
तकनीकी शिक्षा विभाग की समीक्षा के दौरान उन्होंने पालीटेक्निकों व आइटीआइ में मांग के आधार पर ट्रेड संचालित करने और औद्योगिक संस्थानों के साथ निरंतर समन्वय पर बल दिया। उन्होंने पालीटेक्निक एवं आइटीआइ के चरणबद्ध आधुनिकीकरण के निर्देश भी दिए। उच्च शिक्षा विभाग की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि शोध आधारित माडल महाविद्यालय बनाए जाएंगे।
सरकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति का अनुपालन करेगी। नवाचार व व्यावसायिक कोर्स को बढ़ावा दिया जाएगा। कौशल विकास एवं सेवायोजन विभाग की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि सभी तकनीकी संस्थाओं को एकीकृत रूप में एक प्लेटफार्म पर लाया जाए। रोजगार मेलों का नियमित आयोजन और उनका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाना चाहिए।
खेल विभाग की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि नई खेल नीति के प्रविधानों का सभी खिलाडिय़ों को पूरा लाभ मिलना चाहिए। राज्य में वर्ष 2024 में प्रस्तावित 38वें राष्ट्रीय खेलों की तैयारी अभी से शुरू करने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए।
सभी जिलों में खेल गतिविधियां बढ़ाने के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने की बात उन्होंने कही। बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, विशेष प्रमुख सचिव अभिनव कुमार, सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली, रविनाथ रामन, विजय कुमार यादव, शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी, खेल निदेशक जितेंद्र सोनकर उपस्थित थे।