धारचूला के दारमा घाटी में प्रस्तावित डैम का विरोध

धारचूला में भी ग्रामीणों को सताने लगा अनहोनी का डर बड़ी परियोजनाओं को रोकने ले लिए आए आगे ,प्रस्तावित बांध के विरोध में प्रदर्शन किया, धारचूला के दारमा घाटी में प्रस्तावित डैम के विरोध में ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है , ग्रामीणों का कहना है की विनाश के आधार पर विकास नहीं चाहिए।
आगामी माइग्रेशन जाने के बाद टर्नल कार्य रोकने की ग्रामीणों ने चेतावनी दी ।दारमा घाटी में प्रस्तावित बोकांग बालिंग जल विद्युत परियोजना का विरोध करते हुए ग्रामीणों के द्वारा ग्रामसभा गो घाटीबगड में दारमा संघर्ष समिति के अध्यक्ष पूरन सिंह ग्वाल के नेतृत्व में प्रदर्शन किया गया।इस दौरान कहां की दारमा घाटी के कई गांव पहले से ही आपदा की मार झेल रहे हैं।
ऐसे में टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड के द्वारा प्रस्तावित 165 मेगावाट बोकांग बालिंग जल विद्युत परियोजना के बनने से दारमा वैली में आपदा का खतरा और बढ़ जाएगा। बता दे की वर्तमान में जोशीमठ की भयावह स्थिति को देखते हुए ग्रामीण सीमांत क्षेत्र में कोई भी बड़ी परियोजना को बनाने नही दे रही है जिसका ग्रामीणों के द्वारा विरोध किया जा रहा है ,
वर्तमान समय में जोशीमठ की हालत को देखते हुए सरकारों को समय रहते ऐसी परियोजनाओं को बंद करना चाहिए जो भविष्य में विनाश की बुनियाद पर विकास देते हो। ग्रामीणों ने कहा कि दारमा से ढाकर गांव में बने 15 मीटर टर्नल के कार्य को आगामी माइग्रेशन जाने के बाद रोका जायेगा।










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