NSUI प्रदेश महासचिव गोपाल मोहन भट्ट ने सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के कुलपति को लेकर कही ये बात

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NSUI प्रदेश महासचिव गोपाल मोहन भट्ट ने आज की बयान जारी कर कहा की कांग्रेस पार्टी द्वारा 4 सितंबर 2022 को रामलीला मैदान, नई दिल्ली में “बेतहाशा बढ़ती हुई महंगाई के खिलाफ हल्ला बोल” कार्यक्रम किया जा रहा है

 

 

 

 

जिसमें भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन के देशभर के कार्यकर्ता पदाधिकारी भी प्रतिभाग करेंगे। उन्होंने आगे कहा की महंगाई और बेरोजगारी के खिलाफ आवाज को बुलंद करेंगे साथ ही UKSSSC घोटाले पर भी कांग्रेस पार्टी द्वारा लगातार सीबीआई जांच की मांग की जा रही है। गोपाल ने कहा की पूरे देश में प्रदेश में भाजपा जीरो टॉलरेंस की सरकार हर मोर्चे पर फेल हुई है।

 

 

 

 

 

आज युवाओं को जागने की आवश्यकता है। भ्रष्टाचारी कोई भी हो को सजा होनी चाहिए। इस मामले में भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन व कांग्रेस पार्टी का स्टैंड साफ हैं कि सीबीआई जांच हो। गोपाल भट्ट ने कहा सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय में भी लगातार अपने चहेतों को नियुक्ति दी गई है और लगातार दी जा रही हैं। जिससे साफ होता है भ्रष्टाचार हर जगह व्याप्त है।

 

 

 

 

 

उन्होंने कुलपति और उनके चहेतों पर निशाना साधते हुए कहा की उनकेे द्वारा भाई, भतीजे और अपने बच्चों को विश्वविद्यालय में जॉब में नियुक्त किया गया हैं। उन्होंने आगे कहा की RSS और BJP से जुड़े लोगों के बच्चों को नियुक्ति दी जा रही है। उन्होंने एसएसजे विश्वविद्यालय के कुलपति पर निशाना साधते हुए कहा की जिस कुलपति की नियुक्ति को हाईकोर्ट ने अयोग्य घोषित कर दिया हो बावजूद उसके सरकार ने उसे पद से अभी तक नहीं हटाया हो उससे आप उम्मीद भी क्या कर सकते हैं।
उन्होंने आगे कहा की मैं पूछना चाहता हूं की एसएसजे विश्वविद्यालय के कुलपति की नियुक्ति को 2 साल पूर्ण हो चुके इन 2 सालों में विश्वविद्यालय की झाड़ियां काटने के अलावा इनकी और क्या उपलब्धियां है?

 

 

 

 

एनएसयूआई के प्रदेश महासचिव गोपाल मोहन भट्ट ने कहा की इस मामले को लेकर जल्द ही भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन सड़कों पर उतर कर आंदोलन करेगी और बैकडोर से एंट्री पाए लोगों की जगह योग्य और प्रशिक्षित युवाओं को नौकरी मिले ऐसे व्यवस्था की जाए।

 

 

 

 

साथ ही उन्होंने गैर उत्तराखंडी और पहाड़ विरोधी शिक्षकों पर भी निशाना साधते हुए कहा की समय रहते यदि इन लोगों ने पहाड़ी छात्रों के प्रति अपना व्यवहार ना बदला तो आने वाले समय में सभी छात्र एकत्रित होकर ऐसी मानसिकता के शिक्षकों को विश्वविद्यालय से बाहर निकलने को लेकर उग्र आंदोलन करेंगे।

 

 

 

 

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