अब तो सुनो सरकार–सड़क के अभाव में तीन किमी पैदल ले जाना पड़ता है मरीजों को

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बागेश्वर विकासखंड के काफलीग़ैर तहसील अंतर्गत दुर्गम ग्राम सभा साता-प्यारा के ग्रामीण आज़ादी के बाद से अबतक सड़क सुविधाओं से वंचित है गाँव को सड़क से नही जोड़े जाने से परेशान बुजुर्गों और बीमार व्यक्तियों को सड़क तक लाने ले जाने के लिए करनी पड़ती है मसक्कत।

 

आमरण अनशन के बाद आश्वासन के बाद भी सड़क नही बनने से ग्रामीणों में रोष व्याप्त है।गाँव से सड़क तक दूरी तक पहुँचने के लिए तीन किमी चढ़ाई का पैदल रास्ता तय करना पड़ता है। वही सड़क के अभाव में ग्रामीण गाँव से पलायन कर चुके हैं।वही कभी भी आपातकाल में किसी मरीज को अस्पताल ले जाने के लिए ग्रामीणों को काफी मस्कक्क्त करनी पड़ती है।

 

 

आलम ये है किडोली से सड़क1तक मरीजों को लाने ले जाने के लिए दूसरे गाँव के लोगो से मदद लेनी पड़ती है। ग्रामीण दरवान सिंह, चंचल सिंह, राजेन्द्र सिंह पूरन सिंह,देवकी देवी,ने जिलाप्रशासन पर ग्रामीणों की उपेक्षा का आरोप लगाया।

 

 

वहीं गांव में आमरण अनशन करने के बाद कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास द्वारा ग्रामीणों को जल्द सड़क से जोड़ने का आश्वासन देने के बाद भी ग्रामीण अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं। ग्रामीणों ने जिलाप्रशासन और जनप्रतिनिधियों पर जल्द गाँव के लिए सड़क का निर्माण नही करने पर पुनः आंदोलन की चेतावनी दी।

रिपोर्ट हिमांशु गढ़िया

 

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