National News:भारत ने शुक्रयान मिशन की तैयारी की शुरू,भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन को मिली हरी झंडी, 2028 में पहला मॉड्यूल करेंगे लॉन्च

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अंतरिक्ष क्षेत्र में एक के बाद एक कीर्तिमान रच रहे इसरो की नजरें अब शुक्र ग्रह पर हैं। पिछले साल 23 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर साफ्ट लैंडिंग कर इतिहास रचने वाले भारत ने शुक्रयान मिशन की तैयारी शुरू कर दी है।

🌸इसे 2028 में लॉन्च किया जाएगा।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र के निदेशक नीलेश देसाई ने कहा कि केंद्र सरकार ने भारत के वीनस आर्बिटर मिशन (वीओएम) के तहत शुक्रयान-1 को मंजूरी दे दी है।

🌸भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन को मिली हरी झंडी

सरकार ने भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (बीएएस) की स्थापना को हरी झंडी दे दी है। यह अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आइएसएस) जितना बड़ा तो नहीं होगा लेकिन इसमें पांच मॉड्यूल होंगे। हम 2028 में पहला मॉड्यूल लांच करेंगे। भारत का अंतरिक्ष स्टेशन 2035 तक तैयार हो जाएगा। भारत चंद्रयान-4 की भी तैयारी कर रहा है। मिशन के तहत न केवल चंद्रमा के सतह पर साफ्ट लैंडिंग की जाएगी, बल्कि चंद्रमा से मिट्टी के नमूने भी धरती पर लाए जाएंगे।

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🌸जापान से हाथ मिलाने की तैयारी

भारत चंद्रयान- 4 मिशन के लिए जापान के साथ सहयोग करने की योजना बना रहा है। मिशन के तहत रोवर का वजन 350 किलोग्राम होगा, जो पिछले रोवर की तुलना में 12 गुना अधिक भारी होगा। अगर हमें सरकार की मंजूरी मिल जाती है तो हम 2030 तक मिशन को पूरा करने में सक्षम होंगे।

गौरतलब है कि चंद्रयान- 3 मिशन के दौरान भारत ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर साफ्ट लैंडिंग की थी। यह उपलब्धि हासिल करने वाला भारत विश्व का पहला देश है।

🌸शुक्र को कहा जाता है पृथ्वी का जुड़वां ग्रह

शुक्र को पृथ्वी का जुड़वा ग्रह कहा जाता है। इसका निर्माण पृथ्वी जैसी स्थितियों में हुआ है। वीओएम मिशन से विज्ञानियों को यह समझने में मदद मिलेगी कि ग्रहों का वातावरण बहुत अलग तरीके से कैसे विकसित हो सकता है। यह पता लगाने में भी मदद मिलेगी कि शुक्र जिसे कभी रहने योग्य माना जाता था में हालात प्रतिकूल कैसे हो गए।

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🌸सेंसर और उपग्रहों पर चर्चा

देसाई ने कहा, “हम नए सेंसर और उपग्रहों पर चर्चा कर रहे हैं, जिन्हें इनसैट 4 श्रृंखला के भाग के रूप में लॉन्च किया जाएगा। दुनिया हमसे एक पीढ़ी आगे है, और हम इन नए सेंसर के साथ तालमेल बिठाने में सक्षम होंगे। हम नए मौसम विज्ञान और समुद्र विज्ञान सेंसर के साथ और भी बेहतर पूर्वानुमान प्रदान करने में सक्षम होंगे।”

🌸मंगल की धरती पर उतरने की कोशिश

देसाई ने कहा, “मंगल मिशन के तहत हम न केवल मंगल की कक्षा में उपग्रह स्थापित करेंगे बल्कि इसकी सतह पर उतरने का भी प्रयास करेंगे। अगले दो वर्षों में गगनयान लॉन्च किया जाएगा। यह मानव रहित उड़ान होगी। इसके बाद हम मानवयुक्त मिशन लॉन्च करेंगे।

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