Manaskhand Corridor से गढ़वाल कुमाऊं के बीच सफर होगा आसान पर्यटकों को भीमिलेंगी बेहतर सुविधाएं

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देहरादून: धार्मिक पर्यटन उत्तराखंड की आर्थिकी का आधार है। इस आधार को मजबूत बनाने के लिए राज्य सरकार बड़ी योजनाओं पर काम कर रही है।

गढ़वाल से कुंमाऊं को जोड़ेगी 274 Km की फोरलेन रोड, जानिए मानसखंड कॉरिडोर की खास बातें

 

 

इसी कड़ी में कुमाऊं और गढ़वाल को जोड़ने वाली सड़कों की हालत सुधारने और उन्हें चौड़ा करने की तैयारी है। इससे गढ़वाल कुमाऊं के बीच सफर आसान होगा, पर्यटकों को भी बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। बीते दिन सीएम पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा में मानसखंड कॉरिडोर के संबंध में बैठक की। जिसमें मानसखंड सर्किट में लिए जाने वाले मंदिरों को सुव्यवस्थित तरीके से सड़क से जोड़ने के निर्देश दिए गए। सीएम ने काशीपुर-रामनगर-मोहान-बुआखाल तक के 274 किमी लंबे दो लेन वाले भाग को चार लेन और एक लेन वाले भाग को दो लेन करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इसका प्रस्ताव सड़क परिवहन मंत्रालय को भेजा जाए। इस मार्ग के निर्माण से यात्रा के समय में एक घंटे की बचत होगी

 

 

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड प्राकृतिक संपदा वाला राज्य है। राज्य का राजस्व बढ़ाने को नवोन्मेषी प्रयासों की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने ज्योलीकोट-भवाली-खैरना-कारब-अल्मोड़ा और रानीखेत-चौखुटिया-गैरसैंण-कर्णप्रयाग मार्ग को दो लेन में चौड़ीकरण करने, कैंची बाइपास मार्ग, खैरना लैंड स्लाइड जोन के बाद बाइपास बनाने, गोल्ज्यू देवता एवं उनके अन्य मंदिरों को आपस में जोड़ने के लिए सर्किट निर्माण व सभी मंदिरों का उनके महत्व के हिसाब से वर्गीकरण करने के भी निर्देश दिए।

 

 

मुख्यमंत्री ने बताया कि पर्यटन स्थलों एवं धार्मिक स्थलों के लिए रोपवे, सड़क व अन्य अवस्थापना सुविधाओं के लिए जो स्वीकृतियां हो चुकी हैं, उन कार्यों में तेजी लाई जाएगी। अवस्थापना सुविधाओं के विकास पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने अधिकारियों को गोल्ज्यू सर्किट को विकसित करने के लिए सुनियोजित योजना बनाने के भी निर्देश दिए।

 

 

 

 

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