गर्मी में झेलनी पड़ सकती है बिजली कटौती,अप्रैल महीने में रात को करना पड़ सकता है बिजली कटौती का सामना

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Power Cut In Summer: आने वाले अप्रैल महीने में आपको गर्मी परेशान कर सकती है ,क्योंकि हो सकता है बिजली कटौती के चलते आप एसी, कूलर या पंखा रात में ना चला पाये।

मार्च के महीने से ही देश में तापमान बढ़ने लगा है. जिससे ये अनुमान लगाया जा रहा है कि बीते वर्ष के समान इस साल भी बिजली की भारी मांग देखने को मिल सकती है. लेकिन मुश्किल ये कि कोयले से चलते वाले नए पावर प्लांट के जोड़ने में देरी और कम हाइड्रो पावर के उत्पादन में की क्षमता के चलते बिजली की बढ़ती मांग को पूरा करने में इस गर्मी के मौसम में दिक्कतें आ सकती है. जिससे लोगों को भारी गर्मी के बीच बिजली कटौती का सामना करना पड़ सकता है

रात में बिजली कटौती संभव 

रॉयटर्स के रिपोर्ट के मुताबिक दिन के दौरान सोलर पावर के चलते बिजली की बढ़ती मांग को पूरा करने में मदद मिली है. लेकिन कोल-बेस्ड पावर प्लांट की कमी और हाइड्रो पावर के जरिए बिजली के उत्पादन में कमी के चलते रात के दौरान जब सोलर बिजली उपलब्ध नहीं होता है तब बिजली कटौती का संकट देखने को मिल सकता है. फेडरल ग्रिड रेग्युलेटर ग्रिड कंट्रोलर ऑफ इंडिया के इंटर्नल रिपोर्ट के मुताबिक नॉन-सोलर समय में आने वाले अप्रैल 2023 में पीक डिमांड के मुकाबले 1.7 फीसदी कम बिजली उपलब्ध होगा. अप्रैल के महीने में रात में 217 गीगावाट बिजली की मांग देखने को मिली सकती है जो बीते वर्ष अप्रैल 2022 के मुकाबले 6.4 फीसदी ज्यादा है. ऐसे में इस गर्मी के मौसम में बिजली का संकट देखने को मिल सकता है।

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कोयला, न्यूक्लियर और गैस के जरिए होने वाले बिजली उत्पादन से रात के समय में कुल डिमांड की 83 फीसदी बिजली सप्लाई सुनिश्चित की जाएगी. बाकी बचे बिजली सप्लाई करने हाइड्रो पावर प्लांट की बड़ी भूमिका होगी. हालांकि ग्रिड इंडिया ने भविष्यवाणी की है कि इस अप्रैल में बीते वर्ष अप्रैल के मुकाबले हाइड्रो पावर के जरिए 18 फीसदी कम बिजली की सप्लाई देखने को मिल सकती है.

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पावर प्लांट के कंस्ट्रक्शन में देरी

दरअसल मांग-आपूर्ति में भारी अंतर के लिए कोल-बेस्ट पावर प्लांट के कंस्ट्रक्शन में देरी है. सेंट्रल इलेक्ट्रसिटी अथॉरिटी के डाटा के मुताबिक 16.8 गीगावाट की क्षमता वाले 26 कोल-बेस्ड पावर प्लांट का कंस्ट्रक्शन एक साल की देरी से चल रहा है. तो कुछ पावर प्लांट ऐसे भी हैं जिनके तैयार होने में 10 साल से ज्यादा की देरी हो चुकी है।

रिपोर्टर – रोशनी बिष्ट

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