Uttarakhand News:मेडिकल कोचिंग सेंटर में एडमिशन कराने के नाम पर ठगी,कई छात्रों को करोड़ों का चूना लगा कर संचालक हुआ फरार
यहां सरकारी कालेजों में एमबीबीएस में दाखिला दिलाने के नाम पर करोड़ों रुपये लेकर एक कोचिंग संचालक फरार हो गया।आरोपी के खिलाफ कोतवाली पटेलनगर में शिकायत दर्ज कराई गई है। आरोप है कि कोचिंग इंस्टीट्यूट में रखे स्टाफ को भी आरोपी ने कई महीनों की वेतन नहीं दिया। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। आरोपी का जीएमएस रोड पर कोचिंग इंस्टीट्यूट था।
🔹जाने मामला
पुलिस को दी शिकायत में बनारस यूपी निवासी केके राय ने बताया कि उनके भतीजे ने नीट की परीक्षा दी थी, जिसमें वह चार नंबर से रह गया था। एक व्यक्ति ने उनसे संपर्क किया कि वह स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार के अंतर्गत काम करते हैं। जो छात्र नीट परीक्षा में कम नंबरों से फेल हो जाते हैं, उन्हें भारत सरकार के विशेष कोटे के तहत देश के अलग-अलग मेडिकल कालेजों में दाखिला दिलाते हैं और छात्रों का डाक्टर बनने का सपना साकार करते हैं।
🔹बैंक ड्राफ्ट बनने पर छात्रों को हुआ विश्वास
इसके लिए उन्होंने छात्रों के अलग-अलग वाट्सएप ग्रुप बनाकर उन्हें सपने दिखाए और विश्वास जताने के लिए दाखिले संबंधी वीडियो भी भेजे। छात्रों के परिजनों ने जब फीस की बात की तो आरोपितों ने बताया कि सबसे पहले 50 हजार रुपये का बैंक ड्राफ्ट स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार के नाम बनाना होगा, इसमें से आठ हजार रुपये रजिस्ट्रेशन फीस लगेगी और 42 हजार रुपये वापस हो जाएंगे। सरकार के नाम बैंक ड्राफ्ट बनाने पर छात्रों ने आरोपी पर विश्वास जताया और कई छात्रों ने यह ड्राफ्ट बना भी दिया।
🔹दशहरा के दिन हुआ फरार
इसके बाद आरोपी ने कहा कि एमबीबीएस में दाखिले की फीस 35 लाख रुपए लगेगी, जिसका 10 से 20 प्रतिशत टोकन मनी के रूप में देनी होगी। इस पर कई परिजनों ने ढाई से तीन लाख रुपये दे दिए, यह धनराशि बैंक आफ इंडिया आईएसबीटी शाखा में जमा करवाए गए। 18 अक्तूबर को आरोपित ने स्टाफ से कहा कि इंस्टीट्यूट दशहरा के चलते 18 से 24 नवंबर तक बंद रहेगा। इसी बीच आरोपित अपना सामान समेटकर फरार हो गया।
🔹स्टाफ ने भी दी है शिकायतI
इंस्टीट्यूट में तैनात 15 से 20 युवक-युवतियों ने भी पटेलनगर कोतवाली में इंस्टीट्यूट संचालक के विरुद्ध शिकायत दी है। उन्होंने कहा कि जुलाई में इंस्टीट्यूट शुरू किया गया था, तब उन्हें अच्छे वेतन पर काम करने का झांसा दिया गया, लेकिन अब तक वेतन नहीं दिया। छुट्टियां खत्म होने के बाद जब वह इंस्टीट्यूट पहुंचे तो पता चला कि संचालक फरार हो चुका है। यही नहीं आरोपित ने मकान मालिक को भी किराया नहीं दिया और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर इंस्टीट्यूट के लिए भवन पर लेने की बात सामने आ रही है।