सड़क और स्वास्थ्य के अभाव में यहाँ ग्रामीण आज भी 30 किलोमीटर पैदल चलने को मजबूर–देखिये वीडियो
बीमार महिला को डोली के सहारे कंधे पर लादकर ग्रामीणों ने तय किया 30 किलोमीटर का पैदल सफर।
पिथौरागढ़ ज़िले में कई दिनों से हो रही भारी बारिश के चलते ज़िले की डेढ़ दर्जन सड़के बंद है, जिसके चलते ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों की मुश्किलों भरी ऐसी ही कुछ तस्वीरें जिले के मुनस्यारी तहसील के बोना गांव से आयी है।
जहां बंद सड़कों की वजह से ग्रामीण एक । बीमार महिला को डोली में बिठाकर 30 किलोमीटर का पैदल सफर तय कर उसे अस्पताल पहुंचाते हैं। क्या यह पूरा मामला देखिये रिपोर्ट
यूं तो पहाड़ों में स्वास्थ्य सेवाओं की लचर व्यवस्था हमेशा ही सरकारों को मुंह चिढ़ाते रहती है। ऐसे में यह तस्वीर और भी भयावह लगती है जब बंद सड़कों की वजह से मरीजों को डोली के सहारे उबड़ खाबड़ रास्तों में चल पैदल ही अस्पताल तक पहुंचाया जाता है। ऐसी की कुछ तस्वीरें पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी तहसील से आयी है। जहां के दूरस्थ गांव बोना के लिए बनी सड़क भारी बारिश की वजह से पिछले कई दिनों से बंद पड़ी है,
जिसके चलते ग्रामीण काफी परेशानी में है। यह परेशानी और भी बढ़ गयी जब गांव की एक महिला गीता देवी गम्भीर रूप से बीमार हो गयी। ऐसे में उसे अस्पताल तक पहुंचाने के लिए ग्रामीणों ने बोना गांव से मदकोट स्थित अस्पताल तक पहुंचने के लिए 30 किलोमीटर का सफर पैदल ही तय किया। इस दौरान ग्रामीणों ने बीमार को डोली के सहारे कंधे पर लादकर उबड़ खाबड़ रास्तों, बंद पड़ी सड़कों समेत कई नदी नालों और झरनों को पार करते हुए मदकोट तक पहुंचाया।
ऐसा नहीं है कि इस दूरस्थ गांव बोना में कोई अस्पताल नहीं है, यहां एक राजकीय एलोपैथिक चिकित्सालय है लेकिन बिना डॉक्टर के यह अस्पताल लंबे समय से मात्र एक शोपीस बना हुआ है। ऐसे में ग्रामीणों ने प्रशासन से दूरस्थ गांव बोना में जल्द ही डॉक्टर की नियुक्ति की मांग भी की है । वही पिथौरागढ़ के जिलाधिकारी डॉ आशीष चौहान ने कहा कि मामले के संज्ञान में आने के बाद सीएमओ को बोना अस्पताल में शीघ्र ही डॉक्टर की तैनाती के निर्देश दिए गए है। साथ एक-दो दिन के भीतर गांव को जोड़ने वाली सड़कों सहित सभी सड़कों को खोल दिया जाएगा जिससे ग्रामीणों को राहत मिलेगी।
हर साल बरसात में पिथौरागढ़ जिले के दूरस्थ इलाको से ऐसी ही तस्वीरे सामने आती है लेकिन उसके बावजूद भी सरकार और प्रशासन द्वारा इन इलाके के लोगो को राहत देने के कोई इंतजाम नही किये जाते है।