आपके काम की खबर घर के सामने इन 15 चीज़ों का होना है है अशुभ ऐसे करें उपाय

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वास्तु शास्त्र भूमि और भवन से संबंधित शास्त्र है. इसमें जमीन के हर कोण से लेकर भवन के हर कक्ष एवं उसके भीतर तक की शुभ-अशुभ चीज़ों का जिक्र है. इनमें घर के मुख्य द्वार (मेन गेट) के आसपास की चीज़ें भी शामिल हैं, जो की अलग-अलग फल देने वाली बताई गई हैं.

 

 

घर के मेन गेट के सामने इन 15 चीज़ों का होना है अशुभ, जीवन में आ सकती हैं कई परेशानियां

 

 

आज हम आपको उन चीज़ों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो घर के मुख्य द्वार के सामने होना परिवार के लिए अशुभ बताई गई है.

 

 

 

मुख्य द्वार के सामने अशुभ होती हैं ये चीज़ें

पंडित रामचंद्र जोशीके अनुसार, वास्तुशास्त्र में मुख्य द्वार के सामने कई चीजों को अशुभ माना गया है. इन्हें द्वार-वेध कहा गया है. इनमें प्रमुख द्वार-वेध इस तरह है:-

 

 

 

 

 

मुख्य द्वार के सामने पेड़ होने से रोग, बच्चों में दोष व ऐश्वर्य का नाश होता है.
पानी बहते रहने से फिजूलखर्ची और कई तरह के अनर्थ होते हैं.
द्वार के सामने गली या सड़क का होना रोग व शोक का कारण बनता है.
कुआं होने से रोग, भय और बंधन की आशंका होती है. बावड़ी होने से अतिसार रोग, सन्निपात व दरिद्रता का डर होता है.
मंदिर होने से ग्रह स्वामी का नाश और बालकों को दुख होता है. मंदिर का द्वार होने से विनाश होता है.
खम्भा होने से स्त्रियों में दोष, गृहस्वामी की मृत्यु और दुर्भाग्य की प्राप्ति होती है.
कील होने से अग्नि भय होता है. अपवित्र वस्तु होने से घर की मालकिन वंध्या होती है.
मुख्य द्वार के सामने दूसरे घर का द्वार होने से धन-धान्य का विनाश होता है. ध्वजा होने से द्रव्य का नाश तथा रोग होता है. दीवार होने से दरिद्रता आती है.

 

 

गड्ढा होने से कलह, विरोध व धन की हानि होती है.
श्मशान होने से भूत-प्रेत का भय होता है.
चबूतरा होने से मृत्यु का भय सताता है. कुम्हार का चक्र होने से ह्रदय रोग तथा विदेश में वास होता है.
शिला होने से शत्रुता तथा पथरी रोग की आशंका होती है.
भस्म होने से बवासीर रोग होता है. भट्टी होने से पुत्र का नाश होता है.
दीमक की बांबी होने से विदेश गमन होता है.
मुख्य द्वार के सामने किसी मकान आदि का कोना होने से दुर्गति और मृत्यु भय होता है.

 

 

पंडित जोशी के अनुसार, घर की ऊंचाई से दुगुनी जमीन छोड़कर वह द्वार-वेध वस्तु हो तो उसका कोई दोष नहीं लगता. यदि घर और वेध वस्तु के बीच राजमार्ग हो तो भी उसका दोष नहीं लगता. इसी तरह यदि वेध वस्तु घर के सामने ना होकर पीछे या बगल में हो तो भी उसका प्रभाव खत्म हो जाता है. राजमहल, देव मंदिर और मंडप में भी द्वार- वेद का दोष नहीं लगता.

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