अल्मोड़ा में ग्रामीण क्षेत्रों में तेंदुवे की दहसत घरों के पास घूम रहा है तेंदुवा

जिले के ग्रामीण इलाकों में तेंदुओं की दहशत बनी हुई है। हवालबाग विकासखंड के मटेला, सुनोला, उडियारी, घनेली, पसेड, पडूला, रेलाकोट, धामस आदि गांवों में तेंदुए दिखाई दे रहे हैं।इससे इन क्षेत्रों के लोगों में भय का माहौल बना हुआ है। कई बार तो तेंदुए दिन के समय तक दिखाई दे रहे हैं। तेंदुए के भय से ग्रामीण रात में पटाखे छोड़ रहे हैं। उन्होंने वन विभाग से तेंदुए के आतंक से निजात दिलाने के लिए पिंजरा लगाने की मांग की है।
ग्रामीण गोपाल सिंह ने बताया कि कि कई बार तेंदुआ गांव के आसपास आ जा रहा है। शाम होते ही लोगों का घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। इधर अल्मोड़ा के रेंजर मोहन राम आर्या ने बताया कि टीम प्रभावित क्षेत्रों में लगातार गश्त करती है। लोगों को सावधानी बरतनी होगी। जल्द ही टीम को मौके पर भेजा जाएगा।छह दिन बाद भी तेंदुआ आदमखोर घोषित नहीं
रानीखेत को निवाला बनाने के छह दिन बाद भी तेंदुआ आदमखोर घोषित नहीं किया गया है। फयाटनौला में नियमित गश्त कर ड्रोन और ट्रैप कैमरे में भी तेंदुए की आवाजाही का पता नहीं चल सका है। इसलिए विभागीय टीम ने पिंजरे को दूसरे स्थान पर लगा दिया है।
तेंदुए ने एक मई को चमड़खान के फयाटनौला गांव में 40 वर्षीय युवक को निवाला बना लिया था। उसका अधखाया शव दो मई को झाड़ियों में मिला था। तब से गांव में दहशत का माहौल है। वन विभाग ने गश्त के लिए वहां 16 कर्मचारियों को तैनात किया है। उनको तेंदुए की गतिविधि पता नहीं चली। वहां लगे दोनों पिंजरे खाली हैं। रेंजर तापस मिश्रा ने बताया कि रविवार को एक पिंजरे का स्थान बदला गया है। तेंदुए को आदमखोर घोषित करने की प्रक्रिया भी लंबित है।
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