समान नागरिक सहिंता पर राज्य के सभी समुदाय के लोगो के साथ विचार एव सुझाव लिए जाएंगे :-रंजना प्रकाश देसाई
चैयरपर्सन माननीय न्यायाधीश सेवानिवृत्त रंजना प्रकाश देसाई ने कहा की समिति राज्य के सभी समुदाय के लोगो के साथ विचार एव सुझाव लिए जा रहे है समिति उन पर गम्भीरता से अध्यन कर उत्तराखंड शासन को रिपोर्ट को प्रस्तुत करेगी ताकि समान नागरिकता सहिंता एक्ट मे सम्मिलित कर एक सशक्त एक्ट बन सके। उन्होंने कहा कि अभी तक जनपद भ्रमण के दौरान सवा दो लाख सुझाव और विचार प्राप्त हो चुके हैं।
बैठक मे विशेषज्ञ समिति के चैयरपर्सन के साथ समिति के सदस्य माननीय न्यायधीश सेवानिवृत्त प्रमोद कोहली, सदस्य सामजिक कार्यकर्ता मनु गौर, सेवानिवृत्त आईएएस शत्रुघ्न शामिल ,अपर जिलाधिकार अशोक कुमार, शिवचरण दिवेदी,एसडीएम राहुल शाह, तहसीलदार नवाजिश खलिक,ईओ नगर पालिका नैनीताल पुजा के साथ ही ईसाई समुदाय के फादर नवीन, जीके ननवाल,विलसन व बार एसोसिएशन के गोपाल वर्मा, ममता बिष्ट, अमन चड्डा, निरज शाह आदि पदाधिकारियों उपस्थित थे।
नैनीताल : उत्तराखंड शासन द्वारा गठित समान नागरिक सहिंता की विशेषज्ञ समिति के चैयरपर्सन माननीय न्यायाधीश सेवानिवृत्त रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता मे सोमवार को राज्य अतिथि गृह, नैनीताल में समान नागरिक सहिंता एक्ट चैयरपर्सन व सदस्यों द्वारा समान नागरिक सहिंता का परीक्षण एवम क्रियान्वयन हेतु बैठक आयोजित हुई जिसमे ईसाई समुदाय व बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों से वार्ता, चर्चा ,एव विचार विमर्श लिए गये ताकि एक्ट मे सम्मिलित किया जा सके।
इसपर फादर एलोसिस ने कहा की युवाओं की शादी की उम्र 25 वर्ष की जानी चाहिए, तांकि युवक स्थिर हो सकें और जनसंख्या पर रोक लग सके। फादर नवीन ने कहा कि बेटी को पिता और ससुर की तरफ से जायदाद मिलनी चाहिए और उसे बराबरी का दर्जा देना चाहिए क्योंकि वो सबसे कमजोर हिस्सा है। फादर लोबो ने कहा कि बच्चों को गोद लेने का मौका देना चाहिए और चीजों को रेग्युलेट करते हुए इसमें लगने वाला समय कम करना चाहिए। सभा में मौजूद एक सदस्य ने कहा कि समान नागरिक संहिता सभी के लिए एक समान होनी चाहिए। एक महिला सदस्य ने कहा कि हम हिंदुस्तान के संविधान में अच्छी तरह से घुलमिल गए हैं और हमें यहां के अधिकार और जिम्मेदारियां दोनों का बोध है, लेकिन चर्चों आदि पर हमले और उनपर खतरा बना हुआ है, जिसे समिति द्वारा न्याय और कानून की स्थिति माना गया।समिति ने अधिवक्ताओं से भी चर्चा कर समान नागरिक संहिता के प्रारूप को लेकर उनकी राय जानी। समिति मंगलवार को विभिन्न समुदाय, जनप्रतिनिधि, महिलाओं और आम जनमानस से मिलकर उनकी राय जानेगी।