यहाँ दबंगो ने रिटायर्ड सैनिक के मकान पर की तोड़फोड़
रुड़की के एक रियायर्ड सैनिक ने कुछ दबंगों पर मकान को क्षतिग्रस्त करने का गंभीर आरोप लगाया है।इतना ही नहीं उसके मकान में रखा लाखों का सामान भी नष्ट करने का गंभीर आरोप लगाया है।
पूर्व सैनिक का आरोप है कि उस जमीन पर निर्माण भी शुरू कर दिया गया है। उसका आरोप है कि उसके मकान का मामला नयायालय में भी विचाराधीन है लेकिन न्यायालय के आदेशों की भी अवहेलना की जा रही है। रिटायर्ड फौजी का कहना है कि उसकी शिकायत को पुलिस ने गंभीरता से नहीं लिया जिसका उसे अफसोस है।
एक पत्रकार वार्ता के दौरान पूर्व सैनिक राजबीर सिंह ने कहा कि उसके मकान पर कुछ दबंगों द्वारा कब्ज़ा करने की कोशिश की गई इतना ही नहीं आज कुछ लोग बुलडोजर लेकर पहुंच गए जिससे उसे भारी नुकसान उठाना पड़ा है। राजबीर का आरोप है कि उसने पुलिस अधिकारियों से भो गुहार लगाई थी लेकिन पुलिस अधिकारियों ने भो उसकी शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया।
राजबीर का आरोप था कि जब वह न्याय की गुहार लगाने सिविल लाइन कोतवाली पहुंचा तो उल्टा पुलिस ने उस पर कार्यवाही करते हुए हवालात में बंद कर दिया जो दुर्भाग्यपूर्ण है।उसका आरोप है कि इस तरह की घटनाएं अंग्रेज़ी हकूमत में होती थी लेकिन अब पुलिस इस तरह की कार्यवाही कर रही है जो बिल्कुल गलत है।
पत्रकार वार्ता में रिटायर्ड फौजी राजबीर सिंह ने कहा की सिविल लाइंस कोतवाली क्षेत्र के नगला इमरती में वह 2004 से मकान बनाकर परिवार सहित रह रहे थे। बराबर की जमीन में डेयरी भी संचालित कर रखी थी। लेकिन कुछ दिनों पहले उक्त जमीन को अपना बताने वाले कुछ दबंग लोगों ने उनके घर पर बुलडोजर चलाकर तोड़ दिया।
जिसके चलते मकान के अंदर रखा करीब 80 लाख रुपए का सामान भी मलवे में दबकर खत्म हो गया। इतना ही नहीं उनकी डेयरी में बंधी 6 गायों को भी गायब कर दिया गया। आरोप है कि जब वह मामले को लेकर प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों के पास गए तो किसी ने उनकी एक नही सुनीl मामले को लेकर वह न्यायालय में गए। लेकिन इसके बावजूद अब दबंगों ने उक्त भूमि पर निर्माण शुरू कर दियाl जब वह फिर से पुलिस के पास गए तो पुलिस ने उनके साथ मारपीट करते हुए हवालात में बंद कर दिया।
इस कारण वह कोर्ट की तारीख में भी नही जा पाए। उन्होंने कहा कि वह इस मामले को पुलिस और प्रशासन के उच्चाधिकारियो को बता चुके हैं लेकिन इसके बावजूद भी उन्हें इंसाफ नहीं मिलाl उन्होंने कहा कि जब मामला न्यायालय में है तो फैसला वहीं से होना चाहिए और तब तक किसी तरह का कोई निर्माण उक्त भूमि पर नहीं होना चाहिए।