यहाँ बन रहे हैं फर्जी जाति प्रमाण पत्र पिछड़ा वर्ग मोर्चा में भारी नाराजगी

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उत्तराखंड में बन रहे जाति प्रमाण पत्रों को लेकर उत्तराखंड मूलनिवासी पिछड़ा वर्ग मोर्चा में भारी आक्रोश है जिसमे मोर्चा के महासचिव बृजमोहन वर्मा ने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश में बन रहें

 

 

 

 

 

जाति प्रमाण पत्र पूरी तरह से फर्जी है। जबकि उत्तराखंड पर्वतीय क्षेत्रों की मूल जाति लोहार, बड़ाई,सोनार,ताम्रकार आदि को तहसील प्रशासन द्वारा शिल्पकार अनुसूचित जाति के प्रमाण पत्र निर्गत किए जा रहे है जो की पूरी तरह गलत है।जबकि यह मूल जातियां ओबीसी जाति में आती है। इन जाति जाति के लोगो को अनुसूचित के बजाय पिछड़ी जाति के प्रमाण पत्र निर्गत किए जाने चाहिए। फर्जी अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र निर्गत करके प्रशासन अनुसूचित जाति वर्ग के अधिकारों का हनन कर रही है।

 

 

 

 

 

जबकि सही प्रमाण पत्र जारी करने के लिए आयोग द्वारा भारत सरकार को निर्देशित किया जा चुका है। इसके बावजूद भी फर्जी जाति प्रमाण पत्रों पर रोक नही लग पा रही। जिसके संदर्भ में आज मोर्चा के पदाधिकारियों ने तहसीलदार के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन प्रेषित किया।

 

 

 

 

 

इस मामले में कोटद्वार तहसीलदार विकास अवस्थी ने बताया कि साक्ष्यो के आधार पर ही जाति प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे है और लोहार,सोनार,ताम्रकार,बड़ाई सहित कई अन्य जातियां पिछड़ी जाति के अंतर्गत आती है।

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