खान मालिक खनन क्षेत्र में अधिक से अधिक वृक्षारोपण और पौधारोपण करें-जिलाधिकारी
बागेश्वर जनपद के माइंस पट्टाधारको से खान सुरक्षा मानकों का शत-प्रतिशत पालन सुनिश्चित हों, खान मालिक खनन क्षेत्र में अधिक से अधिक वृक्षारोपण और पौधारोपण करें, ताकि पर्यावरण संरक्षण में भागीदारी निभाई जा सकें, के संबंध में जिलाधिकारी विनीत कुमार की अध्यक्षा में जिला कार्यालय में खनन पट्टाधारको के साथ बैठक हुई।
बैठक में विधायक कपकोट सुरेश गढिया द्वारा भी प्रतिभाग किया गया। बैठक में विधायक सुरेश गढिया ने कहा कि विकास एवं आर्थिक सुधार हेतु जो भी कार्य कियें उनमें पर्यावरण का विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि समय के साथ जनपद के विधानसभा कपकोट में खनन क्षेत्र भी बढा हैं, इसलिए यह जरूरी है
कि पर्यावरण को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए अधिक से अधिक वृक्षारोपण किया जाए। उन्होंने सभी पट्टाधारकों से कहा कि जो कार्य उन्हें निर्धारित शर्तो के अधीन दिये गये है,उन कार्यो को वे मानको को ध्यान में रखते हुए करें। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि हमें मिलकर प्रकृति को बचाने के लिए ऐसे प्रयास करने होंगे जिसे हमारी आगे आने वाली पीढी याद करें। विधायक ने सभी पट्टाधारको से कहा कि हमारा मकसद केवल पैसा कमाना ही नहीं होगा चाहिए, इसलिए व्यवहारिक चीजों को समझते हुए उन्हें खनन क्षेत्र के निकटतक वन पंचायतों में जो चिन्हित स्थान दियें जाए, उनमें अधिक से अधिक वृक्षारोपण करें।
उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में जल स्रोत सूखते जा रहे है, जंगली जानवरों की आवाजाही आबादी क्षेत्रों को ओर अधिक होने लगी है, इसलिए पर्यावरण संतुलन बना रहें, इसके लिए अधिक से वृक्षारोपण करने के साथ ही फलदार पौधो का रोपण करना होगा। उन्होंने सभी पट्टाधारकों से कहा कि इस कार्य में संबंधित विभागों द्वारा पूर्ण सहयोग दिया जायेगा, इसलिए स्वंय में बदलाव लाते हुए खनन क्षेत्रों में अधिक से अधिक वृक्षारोपण कर एक मिसाल कायम करना होगा, ताकि अन्य जनपद व प्रदेशों के सामने जनपद बागेश्वर एक उदाहरण प्रस्तुत कर सकें।
बैठक में जिलाधिकारी विनीत कुमार ने कहा कि खनन क्षेत्र में अधिक से अधिक वृक्षारोपण करने के साथ ही पट्टाधारको द्वारा 05 साल तक पौधो को संरक्षण भी करना होगा। उन्होंने कहा कि प्राय: यह देखा गया है कि खनन क्षेत्र में हरियाली कम होते जा रही है, इसलिए इन क्षेत्रों में खनन पट्टाधारको द्वारा केवल वृक्षारोपण ही न हो बल्कि पांच साल के लिए संरक्षण भी किया जाए। जिलाधिकारी ने प्रभागीय वनाधिकारी को जल्द से जल्द संचालित खनन पट्टाधारको के वृक्षारोपण हेतु खनन क्षेत्र के निकटतम वन पचायतों में स्थान चिन्हित करते हुए बेहतर प्लांन तैयार करने के निर्देश दियें। उन्होंने कहा कि आने वाला समय मानसून सीजन के साथ ही वन पंचायत महोत्सव व हरेला पर्व आने वाला है, यह समय वृक्षारोपण हेतु उचित है
इसलिए पट्टाधारको के निकटतम वन पंचायतों को वृक्षारोपण हेतु चिन्हित करते हुए संबंधित वन पंचायतों के संरपचों के साथ बैठक कर उनकी सहमति लेने के निर्देश प्रभागीय वनाधिकारी को दियें। उन्होंने कहा कि खनन प्रभावित क्षेत्रों में अधिक से अधिक वृक्षारोपण किया जाए, इसके लिए नई तकनीकि का भी प्रयोग किया जायेगा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक संचालित खननपट्टों के लिए उनके निकटतम वन पंचायतों में वृक्षारोपण हेतु जगह चिन्हित की जायेगी, जिसकी निरंतर प्रभागीय वनाधिकारी, उपजिलाधिकारी व खनन विभाग द्वारा मॉनिटरिंग करते हुए निरीक्षण किया जायेगा। उन्होंने कहा कि सभी खान मालिकों को वन विभाग के माध्यम से वृक्षारोपण हेतु स्थान चयनित कर दी जायेगी तथा उस क्षेत्र में किस प्रजाति के पौधों का रोपण किया जाना है उसकी भी जानकारी वन विभाग विभाग देगा। उन्होंने सभी पट्टेधारको से कहा कि चयनित स्थान में वृक्षारोपण करने के साथ ही उनके 05 साल के लिए सुरक्षात्मक उपाय भी की कियें जाए ताकि वे संरक्षित रह सकें।
बैठक में प्रभागीय वनाधिकारी हिमांशु बागरी द्वारा वृक्षारोपण की संरचना के संबंध में विस्तार से जानकारी दी।बैठक में अपर जिलाधिकारी चन्द्र सिंह इमलाल, उपजिलाधिकारी हरगिरि, पारितोष वर्मा, मोनिका, खान अधिकारी लेघराज, जिला उद्यान अधिकारी आरके सिंह सहित खनन पट्टाधारक मौजूद थे।
रिपोर्ट हिमांशु गढ़िया