राज्यपाल गुरमीत सिंह का अल्मोड़ा दौरा, जागेश्वर धाम और चितई मंदिर में की पूजा अर्चना, कुमाऊं के लिए बोली ये बड़ी बात

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राज्यपाल गुरमीत सिंह सपरिवार मंदिर भ्रमण में निकले हैं।नैनीताल जिले के कैंची धाम के बाद राज्यपाल गुरमीत सिंह चितई मंदिर पहुंचे।न्याय के लिए विश्व प्रसिद्ध मंदिर चितई में राज्यपाल गुरमीत सिंह ने सपरिवार पूजा अर्चना की।राज्यपाल गुरमीत सिंह ने कहा कि चितई मंदिर में मनोतियां और प्रार्थना स्वीकार होती है। 

🔹कुमाऊं में मंदिर दर्शन के लिए भारी संख्या में पर्यटक और श्रद्धालु पहुंच रहे 

राज्यपाल गुरमीत सिंह ने कहा कि मानस खंड के कुमाऊं रीजन में श्रद्धालुओं की भारी आस्था है।यही वजह है कि कुमाऊं में मंदिर दर्शन के लिए भारी संख्या में पर्यटक और श्रद्धालु पहुंच रहे है। राज्यपाल ने कहा क्षेत्र का पर्यटन विकास किया जा रहा है।राजपाल गुरमीत सिंह चितई मंदिर के बाद जागेश्वर धाम पहुंचें।यहां मंदिर दर्शन, पूजा पाठ करी वहीं डीएम, एसएसपी के साथ बैठक करेंगे। 

🔹मानस खंड के कई मंदिरों में पहुंचकर अध्यात्म का अनुभव किया 

मीडिया से बात करते हुए राज्यपाल गुरमीत सिंह ने बताया कि कुमाऊं के मानस खंड का क्षेत्र आस्था, प्राकृतिक एडवेंचर और श्रद्धालुओं को अपनी ओर खींचने का केंद्र बन गया है।उन्होंने कहा कि वह सपरिवार मानस खंड के महत्वपूर्ण मंदिरों और आस्था के केंद्रों का सपरिवार भ्रमण कर रहे हैं ओम पर्वत, आदि शंकर सहित मानस खंड के कई मंदिरों में पहुंचकर अध्यात्म का अनुभव किया है। 

🔹अल्मोड़ा हिल स्टेशन में प्रभु का आशीर्वाद कुछ अलग 

राजपाल गुरमीत सिंह ने कहा कि नैनीताल जिले के कैंची धाम दर्शन के बाद वह चितई और जागेश्वर धाम के दर्शन करने का सौभाग्य मिला है. चितई मंदिर में पूजा करने के बाद राज्यपाल गुरमीत सिंह ने कहा कि “सच कहूं तो गुरु महाराज का न्याय, स्नेह और प्यार महसूस होता है‌।जिस विश्वास के साथ श्रद्धालु यहां घंटियां और एप्लीकेशन देते हैं, यह आस्था का बहुत बड़ा दर्शन है।राज्यपाल ने कहा की मानस खंड के अल्मोड़ा हिल स्टेशन में प्रभु का आशीर्वाद कुछ अलग ही है। 

🔹इस स्थान को पूरे टूरिस्ट सर्किट में लाया जाए 

उत्तराखंड देवभूमि और तपोभूमि बताते हुए उन्होंने कहा की मानसखंड और कुमाऊं रीजन में अलौकिक आस्था अपने आप में गहरी है। दिल में अच्छा है कि इस स्थान को पूरे टूरिस्ट सर्किट में लाया जाए। यहां के नागरिक का प्यार, अतिथि देवो भव: अलग है। आस्था, पर्यटन, और एडवेंचर के लिए पर्यटक बड़ी संख्या में मानस खंड सर्किट में आ रहे हैं। देवभूमि और तपोभूमि में आस्था और पर्यटकों को देखते हुए मानस खंड में सड़क, रोपवे सहित इंफ्रास्ट्रक्चर पर सिस्टमैटिक तरीके से काम होना चाहिए।

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