प्रदेश के बड़े घटनाक्रमो पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का बड़ा बयान
पूर्व मुख्य्मंत्री हरीश रावत ने विधानसभा में हुई नियुक्तियों को निरस्त करने को लेकर बड़ा बयान दिया है. हरीश रावत ने कहा कि अगर विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण को एक्शन लेना ही था तो उन लोगों पर लिया जाना चाहिए था,
जिन्होंने ये नियुक्तियां करवाई थीं. नियुक्तियों को रद्द करना उनकी मनसा पर सवाल खड़े करता है.हरीश रावत ने कहा कि जब विधानसभा अध्यक्ष ने नियुक्तियों को निरस्त कर ही दिया था, तो उनको सरकार के पास अनुमोदन के लिए नहीं भेजना चाहिए था, ये उनका विशेष आधिकार था. वे इसको करने में सक्षम थीं. उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि इस मामले में उन अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए, जिन्होंने ये नियुक्तियां की थीं. अगर इन नियुक्तियों में नियमों का पालन नहीं किया गया
हो तो, कार्रवाई सभी पर होनी चाहिए.हरीश रावत ने अंकिता भंडारी हत्या कांड पर कहा कि अंकिता भंडारी की गुमशुदगी पर चार दिनों से कार्रवाई नहीं होने पर साफ पता चलता है कि आरोपियों को लेकर प्रशासन सत्ता की हनक को लेकर डरा हुआ था, तभी स्थानीय प्रसासन ने मामले में चार दिनों से कार्रवाई नहीं की, उन्होंने इस पूरी घटना को उत्तराखड की सबसे बड़ी त्रासदी करार दिया है. उन्होंने कहा कि अगर इसी तरह सत्ता की हनक में रिजॉर्ट के नाम पर ये सब होता रहा तो इससे प्रदेश की गरीब जनता अपने आप को ठगा हुआ महसूस करेगी.