मिशन-2024 के लिए भाजपा ने कसी कमर,मंत्रियों और सांसदों को दी गई ये बड़ी जिम्मेदारी

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उत्तराखंड में अब सरकार के तमाम मंत्री और सांसद पहाड़ों की पगडंडियां नापते हुए नजर आएंगे।भाजपा (BJP) संगठन ने इसकी पूरी रूपरेखा तैयार कर ली है, हाल ही में हुई कार्यसमिति की बैठक में सभी मंत्रियों और सांसदों को इसका सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। 

दरअसल प्रदेश में बीजेपी सरकार का एक साल पूरा हो गया है। बावजूद इसके मंत्री न तो अपने प्रभारी जिलों जा रहे है और न ही जमीन पर जाकर आम जनता से मुलाकात कर रहे हैं. ज्यादातर मंत्री अपनी विधानसभा तक ही सीमित है। 

उत्तराखंड में बीजेपी सरकार को एक साल पूरा हो गया है, लेकिन मंत्रियों के काम करने का तरीका नहीं बदल पाया है। एक साल बाद भी ये अभी तक सिर्फ अपनी विधानसभा तक ही सीमित हैं. मंत्री अपनी विधानसभा से बाहर नहीं निकल रहे। इसकी वजह से सरकार की योजनाएं आम जनता तक नहीं पहुंच पा रही हैं।कई बार मंत्रियों को निर्देश देने के बाद भी मंत्री अपनी विधानसभा से बाहर नहीं निकल पाए, लेकिन अब भाजपा संगठन ने इसे लेकर तैयारी कर ली है. जल्द ही सरकार के मंत्री फील्ड में दौड़ते नजर आएंगे।

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•मंत्रियों और सांसदों को सख्त निर्देश 

मोदी सरकार के 9 साल पूरे होने पर बीजेपी ने महा संपर्क अभियान चलाने की योजना बनाई है।इसके तहत मंत्रियों को गांव-गांव घूमना होगा. प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम ने कार्यसमिति की बैठक में सभी को अब ये साफ निर्देश दे दिए हैं। संगठन को साफ लहजे में कहा है कि मंत्री, विधायक और सांसद ग्राउंड जीरो पर जाकर काम करें। 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी मंत्रियों को प्रभारी जिलों का प्रभार भी दे दिया है, सभी को निर्देश भी दिए गए हैं कि मंत्री अपने प्रभारी जिलों में प्रवास करें।उधर संगठन भी मंत्रियों को कई बार ग्राउंड जीरो पर जाकर काम करने के निर्देश दे चुका है, लेकिन मंत्रियों को अपनी विधानसभा से इतना प्रेम है कि वो प्रदेश भ्रमण पर निकल ही पाते हैं, लेकिन अब संगठन द्वारा यह तय किया गया है कि मंत्री केंद्र और राज्य सरकार की उपलब्धियों को जन जन तक पहुंचाने के लिए फील्ड में काम करेंगे और आम जनता से ज्यादा से ज्यादा कनेक्ट होंगे। 

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•काम नहीं किया तो होगी कार्रवाई 

2024 के चुनाव नजदीक हैं। बीजेपी जानती है कि अगर मंत्री, विधायक और सांसद ग्राउंड में नहीं जाएंगे तो इसका खामियाजा चुनावों में भुगतना पड़ सकता है।जिसके बाद अब जनप्रतिनिधियों को ज्यादा से ज्यादा आम जनता के बीच जाने के निर्देश दिए गए हैं। अगर कोई मंत्री, विधायक और सांसद ग्राउंड में जाकर काम नहीं करेगा तो उस पर कार्रवाई तक की जा सकती है। अंदर खाने पार्टी इन सभी नेताओं की लिस्ट भी तैयार कर रही है, लेकिन अब यह देखना भी होगा कि भाजपा संगठन के निर्देश का मंत्रियों और सांसदों पर कितना असर पड़ता है।

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