Fire Incident Siachen:सियाचिन में दिल दहलाने वाला हादसा, साथियों की जान बचाते-बचाते खुद शहीद हुए कैप्टन

जम्मू कश्मीर का सियाचिन इलाका सालो भर बर्फ से घिरा होता है। यह काफी ऊंचाई पर है, ऐसे में यहां साल भर कड़ाके की ठंड पड़ती है। यह दुर्गम इलाका सामरिक नजरिए काफी महत्वपूर्ण है। भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान सियाचिन एक अहम पोस्ट बनकर सामने आया था। यहां से एक दिल दहलाने वाले हादसे की खबर सामने आई है। बर्फ से घिरे सियाचिन में आग से सेना के एक कैप्टन की मौत हो गई। जबकि 6 जवान बुरी तरह से घायल हो गए। जिस कैप्टन की मौत हुई, उनकी कहानी बहादुरी की ऐसी मिसाल है, जिसे जानकर आप भी भारतीय सेना पर गर्व करेंगे।
🔹घायल जवानों को इलाज के लिए चंडीगढ़ किया गया शिफ्ट
दरअसल लद्दाख के सियाचिन ग्लेशियर क्षेत्र में बुधवार को एक टेंट में आग लग गई। इस घटना में एक सेना अधिकारी की मौत हो गई और छह अन्य सैनिक घायल हो गए। सेना के सूत्रों ने यह जानकारी दी। सूत्रों के मुताबिक, बुधवार सुबह 3.30 बजे एक टेंट में आग लगी। आग की चपेट में आने से गंभीर रूप से घायल तीन जवानों को चंडीगढ़ शिफ्ट किया गया है।
🔹शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगने की बात
सेना के सूत्रों ने कहा कि आग लगने के पीछे शुरुआती कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है। यह पता लगाने के लिए जांच चल रही है कि आग किस वजह से लगी है। गनीमत रही कि आग पर गोला बारूद टेंट तक पहुंचने से पहले ही काबू पा लिया गया। यदि आग गोला बारूद वाले टेंट तक पहुंच जाती तो यह हादसा और बड़ा हो सकता था। आग से कथित तौर पर कुछ टेंट क्षतिग्रस्त हुए हैं।
🔹साथियों की जान बचाते-बचाते शहीद हुए अंशुमन
इस हादसे में जान गंवाने वाले सेना के कैप्टन की पहचान अंशुमन सिंह के रूप में हुई है। सेना के सूत्रों ने बताया कि अंशुमन सियाचिन में मेडिकल कैंप में तैनात थे। बुधवार सुबह जब टेंट में आग लगी तब वो अपने साथियों को बचाने की कोशिश में जुट गए।अपने जान की परवाह नहीं करते हुए अंशुमन ने कई साथियों को आग से दूर किया। लेकिन इस दौरान वो खुद बुरी तरह से जल गए। अंत में साथियों को बचाने को कोशिश में अंशुमन खुद अपनी जान गंवा बैठे।