उत्तराखंड बेसिक से एलटी मे आये शिक्षको के साथ छलावा बर्दास्त नहीं — दिगम्बर फुलोरिया

देहरादून- राजकीय एलटी समायोजित पदोन्नत शिक्षक संघर्ष मंच की वर्चुअल मिटिंग में आरोप लगाया गया कि बेसिक से एलटी मे आये शिक्षको के साथ छलावा किया गया है । तय किया गया कि बेसिक की सेवा जोड़ते हुए चयन प्रोन्नत वेतनमान नहीं दिया गया तो आगामी 1 जून से आर पार का संघर्ष किया जायेगा । बैठक के मुख्य अतिथि उत्तराखण्ड कार्मिक एकता मंच के अध्यक्ष रमेश चंद्र पाण्डे ने कहा कि एकता मंच की पूर्व में हुुई उच्च स्तरीय वार्ता के क्रम में वे अपर मुख्य सचिव राधा रतूडी से बात कर इस मामले का समाधान बातचीत के जरिए कराने का प्रयास करेंगें ।
राजकीय एल टी समायोजित पदोन्नन शिक्षक संघर्ष मंच के अध्यक्ष दिगम्बर फुलोरिया ने कहा कि 31 अगस्त 2016 को तत्कालीन शिक्षा निदेशक माध्यमिक आर के कुंवर ने एलटी में गये शिक्षकों को चयन प्रोन्नत वेतनमान का लाभ देने हेतु शासन को एक प्रस्ताव बनाकर भेजा ।इसके बावजूद कोई हल नहीं निकलने पर मुख्यमंत्री उतराखण्ड ने हस्तक्षेप कर 05 सितंबर 2017 तक 2014 की सेवा नियमावली में संशोधन कर पदोन्नत के स्थान पर समायोजन करने के दिशा निर्देश शिक्षा सचिव को दिये गये थे, मुख्यमंत्री निर्देश ही शासनादेश माने जाते हैं परन्तु शासन में ये निर्देश भी कार्यवृत और फाइलों तक ही सीमित रह गये ।जो चिंता का विषय है,
और 01जून 2023 से आन्दोलन को जन्म देगा
पुनः इस मामले में उतराखण्ड कार्मिक एकता मंच की 15 अक्टूबर 2020 को एसीएस श्रीमती राधा रतूड़ी जी से वार्ता हुई लेकिन एसीएस द्वारा दिये गये निर्देश भी शिक्षा विभाग के उच्च पदस्थ के अनिर्णय के कारण आज तक कार्यवृत में ही दबकर रह गये । केवल सीमित का गठन करने और दोहरी व्यवस्था लागू करने तक सीमित रह गया, शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने हाथ खड़े कर कहा कि आपके साथ अन्याय हो रहा है, समाधान/इंसाफ देने की बात पर मामला शासन स्तर पर लम्बित है , कहते हुए पीठ फेर लेते हैं,श्री फुलोरिया ने कहा नियम 16(1) में 2006 में शैक्षिक प्रशिक्षण योग्यता,या 08 वर्ष की बेसिक की सेवा अवधि, स्नातक प्रशिक्षित सेवा नियमावली में शिक्षकों के हित में 70%+25%+05% व्यवस्था दी थी,
पदोन्नति शब्द 4200 ग्रेड पे से 4600 ग्रेड पे के लिए 5% पर लागू होता था,बनाम 2014 की सेवानियमावली में क्या अन्तर है शिक्षा विभाग के अधिकारियों को बताना होगा कि पदोन्नत शब्द लिखने से कितना जनहित हुआ, इसमें 60% सीधी भर्ती+30%समान वेतनमान पर कार्यरत शिक्षक समायोजित थे वक्ताओं ने कहा जो बेसिक संवर्ग से शिक्षक 5400/ 4800 ग्रेड पे लेकर आ रहे हैं,उनकी भी 2014 की नियमावली में 4600 ग्रेड पे पर पदोन्नति कर दी कैसा नैर्सैगिक न्याय दिया विभागीय अधिकारियों ने जबकि 10% के अन्तर्गत पदोन्नति होनी चाहिए थी जिनका पे ग्रेड 4200 सौ था उनको 4600 ग्रेड पे मिलेगा,तो खुशी खुशी आयेगा सबकी पदोन्नति कैसे हो सकती है,2014 की सेवा नियमावली में सेवा शर्तों पर लिखा होता कि आपको एल टी में आने पर चयन प्रोन्नत वेतनमान नहीं मिलेगा तो यहां कौन आता और क्यों आता, शिक्षकों को अन्धेरे में रखा गया इसका विरोध किया जायेगा। शिक्षकों का अहित तो किया ही है
एकता मंच के अध्यक्ष रमेश चंद्र पाण्डे ने कहा कि 5 सितम्बर 2017 को शिक्षक दिवस के दिन तत्कालीन मुख्य मंत्री द्वारा इसके समाधान हेतु जो स्पष्ट निर्देश दिये उनका कार्यवृत में ही दबकर रह जाना दुर्भाग्यपूर्ण है लिहाजा इसके लिए जवाबदेही तय होनी चाहिए ।
राजकीय एलटी समायोजित पदोन्नत शिक्षक संघर्ष मंच के अध्यक्ष दिगम्बर फुलोरिया की अध्यक्षता तथा महासचिव शैलेन्द्र राणा के संचालन में हुई बैठक में राजीव लोचन भण्डारी हरीश गैरोला, माधवी नेगी,रुप सिंह, हर्षवर्धन शुक्ला, जगदीश भट्ट,जगदीश जोशी, , नवीन जोशी, डॉ हिमांशु पाण्डे, मनोज बाला हरिशंकर ,भुवन लोहनी लक्ष्मण सिंह ,शिवराज सिंह धौनी मीना रावत, मनोज बाला, हरिशंकर ममता मित्रानन्द भट्ट, आदि थे ।










लेटैस्ट न्यूज़ अपडेट पाने हेतु -
👉 वॉट्स्ऐप पर हमारे समाचार ग्रुप से जुड़ें