Big Brekingउत्तराखंड में विश्वविद्यालय और डिग्री कॉलेजो में अब रोजगार की पढ़ाई

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उत्तराखंड में विश्वविद्यालय और डिग्री कॉलेज में छात्र परंपरागत पढ़ाई के साथ रोजगार की पढ़ाई भी करेंगे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 (एनईपी) के तहत उच्च शिक्षा में रोजगार और स्वरोजगार का कौशल सिखाने वाले पाठ्यक्रम जोड़े जा रहे हैं।

 

 

 

 

 

 

छात्र सामान्य पढ़ाई के साथ इन करीब 186 कोर्स में से कोई एक अपनी रुचि के अनुसार चुन सकते हैं।

राज्य में एनईपी के तहत सिलेबस के पुनर्निर्धारण के लिए गठित राष्ट्रीय शिक्षा नीति ड्राफ्टिंग कमेटी ने कई नए पाठ्यक्रम शुरू करने व व्यवस्थाओं में बदलाव के लिए कई अहम सुझाव दिए हैं। 14 सदस्यीय कमेटी के अध्यक्ष और श्रीदेवसुमन विवि के कुलपति प्रो. एनके जोशी ने अपनी सिफारिशें शासन को सौंप दी हैं।

 

 

 

 

 

 

कमेटी के अनुसार, सामान्य शिक्षा के साथ छात्र-छात्राओं को समाज के प्रति जिम्मेदार व संवेदनशील भी बनाया जाएगा। इसके लिए स्नातक स्तर पर सामुदायिक जुड़ाव और सामाजिक उत्तरदायित्व का प्रश्नपत्र अनिवार्य किया जा रहा है। इस पेपर में पास होने पर ही छात्र स्नातक की डिग्री पाने का पात्र होगा। इसमें फेल छात्रों को डिग्री नहीं मिलेगी।

 

 

 

 

सभी विश्वविद्यालय-कॉलेज का एक समान शैक्षिक कैलेंडर लागू होगा, हर साल 10 जुलाई से शुरू होगा नया शैक्षिक सत्र कौशल विकास व रोजगार की पढ़ाई के लिए इनकी कक्षाएं शाम 3.15 बजे से चलाई जाएंगी छात्र अपने मुख्य विषय से इतर माइनर इलेक्टिव विषय चुन अपने निकटतम कैंपस,कॉलेज व संस्थानों में चल रहे कोर्स भी कर सकेंगे छात्र अपना चौथा विषय (माइनर इलेक्टिव) केंद्र सरकार,

 

 

 

 

 

 

 

यूजीसी और राज्य से मान्य ऑनलाइन प्लेटफार्म से भी कर सकते हैं मुक्त विवि में चल रहे विभिन्न रोजगार कोर्स कराएगा, इसका शुल्क केवल 500 रुपये होगा और सलेबस को साफ्ट कापी में लेने पर 15 प्रतिशत अतिरिक्त छूट दी जाएगीसूत्रों के अनुसार रिपोर्ट में कला, विज्ञान आदि सभी संकाय वार नए कोर्स सुझाए गए हैं। कला संकाय में फिजिकल एजुकेशन, फैशन डिजाइनिंग, जर्नलिज्म, इंटीग्रेटेड बीएड, बीलिब आदि 13 कोर्स हैं। इसी प्रकार कामर्स में नौ, विज्ञान संकाय में 17 प्रोफेशनल कोर्स तय किए गए हैं।

 

 

 

 

 

 

इनके साथ ही छात्र केंद्र सरकार से मान्यता प्राप्त ऑनलाइन प्लेटफार्म से 55 कोर्स, एआईसीटीई से 21 और उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय से आठ विभिन्न कोर्स कर सकते हैं। कौशल विकास एवं रोगार विभाग की सहायता से भी 20 विभिन्न कोर्स शुरू किए जा सकते हैं।
sources by social media

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