इस वक्त बड़ी खबर मोबाइल और पावर बैंक खरीद मामले में होगी जांच -रेखा आर्या
महिला सशक्तिरण एवं बाल विकास विभाग में आंगनबाड़ी वर्कर्स के लिए मोबाइल फोन और पॉवर बैंक की खरीद में बड़ा गड़बड़झाला सामने आया है। बाजार से महंगी दरों पर बल्क में खरीदे गए ये फोन अपनी घटिया क्वालिटी के कारण अब कबाड़ साबित हो रहे हैं।
महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग द्वारा प्रदेश भर की आंगनबाड़़ी वर्कर्स के लिए साल 2018 और 2019 में 22 हजार मोबाइल फोन और बाइस हजार पॉवर बैंक खरीदे थे। 22 हज़ार फोन और पावर बैंक को खरीदने में कुल लागत 13 करोड़ रूपए से ज्यादा की लागत आई थी। आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार इस खरीद में बड़ा घोटाला हुआ है।
विभाग ने बल्क में खरीद के बावजूद एक फोन आठ हजार 46 रूपए में खरीदा। जबकि इसी फोन की ऑनलाइन कीमत साढ़े पांच हजार से भी कम है। मामला तब और भी तूल पकड़ गया, जब ये फोन आंगनबाडी वर्कर्स के भी काम नहीं आए।
दरअसल, 13 करोड़ के ये फोन जिनके लिए खरीदे, उनके भी काम नहीं आ पाए। फोन देने के पीछे मकसद था आंगनबाड़ी वर्कर्स द्वारा टीकाकरण, टेक होम राशन का वितरण जैंसी गतिविधियों को ऑनलाइन अपडेट कर करेंगी। इसके लिए मोबाइल में एक विशेष सॉप्टवेयर पोषण ट्रेकर एप इन्स्टाल किया गया,
लेकिन अधिकांश मोबाइल में ये एप खुला ही नहीं और अगर खुला तो डाटा फीड नहीं हो पाया। जिसका कारण मोबाइल बेहद कम दो जीबी रैम के थे, इंटनरल स्टोरेज कैपासिटी भी मात्र 16 जीबी थी। जबकि, इसके लिए कम से कम चार जीबी रैम का मोबाइल होना चाहिए था।
वही, इस पूरे मामले में तत्कालीन व विभागीय मंत्री रेखा आर्य का कहना है की मामला उनकी जानकारी में नही है। अगर ऐसी कोई शिकायत मिलती है तो उसकी जांच कराई जाएगी।
विभाग में 13 करोड़ के खरीदे गये ये फोन अब कबाड़ हो चुके हैं। सैकड़ों वर्कर्स ने इनको विभाग को वापस लौटा दिया है। विभाग में हुए इस घोटाले पर अब विभागीय मंत्री और अधिकारी किस तरह से कार्यवाही करते है? ये देखने वाली बात होगी।