Almora News: लकड़ी लेने गए युवक का गधेरे में मिला शव,इकलौते बेटे की मौत से परिवार में मचा कोहराम

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भंवरी गांव में लकड़ी लेने जंगल गए एक युवक की संदिग्ध हालात में मौत हो गई। पुलिस का मानना है कि गधेरे में गिरने से उसकी मौत हुई होगी। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला मुख्यालय भेज दिया है।इकलौते बेटे की मौत से परिजनों में कोहराम मचा है।

🔹जाने मामला 

भंवरी गांव के मंदिर में इसी सप्ताह दो दिनी सामूहिक पूजा प्रस्तावित है। इसी तैयारी के लिए कुछ युवक मंगलवार सुबह नौ बजे लकड़ी लेने जंगल गए। गांव के दिग्विजय सिंह भंडारी (28) पुत्र जगत सिंह भंडारी ने साथियों से कुछ देर बाद में जंगल आने की बात कही। इसलिए उसके साथी जंगल चले गए। करीब एक घंटे बाद दस बजे लकड़ी लेने वह भी अकेला चला गया लेकिन देर शाम तक घर नहीं लौटा।

🔹गधेरे में गिरने से मौत की आशंका

परिजनों ने जंगल से लौटे युवाओं से दिग्विजय के बारे में पूछा तो उन्होंने मुलाकात न होने की बात कही। तब से उसकी खोजबीन शुरू हुई। सभी ने मिलकर जंगल की खाक छानी। देर रात वह जंगल के बीच गधेरे में अचेतावस्था में मिला। आनन-फानन उसे उप जिला चिकित्सालय पहुंचाया गया जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। अस्पताल प्रबंधन की सूचना पर थानाध्यक्ष विजय सिंह नेगी ने शव पोस्टमार्टम के लिए जिला मुख्यालय भेजा। चिकित्सकों और अस्पताल प्रबंधन ने गधेरे में गिरने से उसकी मौत की आशंका जताई है। 

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🔹खाने के लिए इंतजार करती रही मां

भंवरी गांव में इकलौते बेटे की मौत से परिवार की खुशियां मातम में बदल गईं। बेटे को इंजीनियर बनते देखने की माता-पिता की हसरत अधूरी रह गई। दोपहर में भोजन के लिए मां बेटे के आने का इंतजार करती रही लेकिन बेटा नहीं आ सका। 

भंवरी गांव के स्थानीय मंदिर में पूजा की तैयारी में गांव के अधिकतर लोग जुटे थे। इसके लिए जंगल से लकड़ी लाने की जिम्मेदारी युवाओं को सौंपी गई लेकिन दिग्विजय को यह मालूम नहीं था कि वहां मौत उसका इंतजार कर रही है। घने जंगल के बीच अचानक वह गधेरे में गिर कर काल के गाल में समा गया। घर पर मां बसंती देवी इकलौते बेटे के लिए भोजन तैयार किया और वह दोपहर में साथ खाने के लिए उसका इंतजार करती रही लेकिन बेटा नहीं आया।

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पिता जगत सिंह ने बेटे को नाज से पाला और इंजीनियर बनाने का सपना लेकर उसे बीटेक कराया। पिछले साल बीटेक का कोर्स पूरा करने के बाद वह नौकरी की तलाश में जुटा था और मां-पिता को यकीन था कि जल्द ही बेटे के इंजीनियर बनते देखने का उनका सपना पूरा होगा लेकिन एक घटना ने पूरे परिवार की खुशियों को मातम में बदल दिया। बेटा उन्हें छोड़कर हमेशा के लिए चला गया और उसे इंजीनियर बनाने का माता-पिता का सपना अधूरा रह गया। बेटे की मौत से मां बदहवास है और पिता शोकाकुल हैं।