Almora News:गर्भवती महिला को गंभीर हालत बता कर करा दिया रेफर, हल्द्वानी में हुआ सामान्य प्रसव
पहाड़ के अस्पतालों में बदहाल सेवाएं दिन ब दिन बढ़ती ही जा रही है।डॉक्टर और अस्पताल प्रबंधन भी जवाबदेही लेने से कतराते हैं। उन पर कोई बात न आ जाए इससे बचने के लिए वे मरीज की हालत गंभीर बताकर उन्हें सीधे हायर सेंटर रेफर कर देते हैं।
🔹एंबुलेंस तक उपलब्ध नहीं कराई गई
वह भी बिना सुरक्षा उपकरणों के न एंबुलेंस उपलब्ध कराई जाती है और ना ही मरीज के साथ किसी अटेंडेंट को भेजा जाता है। एक बार भी नहीं सोचते कि हायर सेंटर ले जाने के दौरान मरीज की जान को खतरा हो सकता है। ताजा मामला बागेश्वर का है। यहां एक गर्भवती की हालत को गंभीर बता बड़े ऑपरेशन की जरूरत बताई गई। उसे पहले अल्मोड़ा रेफर किया गया और फिर वहां से हल्द्वानी भेज दिया गया, जहां महिला का सामान्य प्रसव हुआ। महिला को ले जाने के लिए एंबुलेंस तक उपलब्ध नहीं कराई गई।
🔹दोनों अस्पतालो ने कर दिया रेफर
माल रोड बागेश्वर निवासी कविता जोशी (24) को बुधवार को प्रसव पीड़ा हुई तो परिजन उसे वहां के जिला अस्पताल में ले गए लेकिन सिजेरियन प्रसव के लिए वहां निश्चेतक न होने का हवाला देते हुए उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया गया। प्रसव वेदना से जूझती गर्भवती को लेकर परिजन अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज पहुंचे। यहां भी चिकित्सकों ने सफेद रक्त कोशिकाओं की कमी बताकर महिला का प्रसव कराने में असमर्थता जता दी। यहां से भी महिला को हायर सेंटर रेफर कर दिया गया।
🔹बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं की मार सहने पर आक्रोश
मजबूर होकर किसी तरह चार घंटे बाद परिजन उन्हें निजी वाहन से हल्द्वानी ले गए। वहां एक निजी अस्पताल में कुछ देर बाद ही महिला का सामान्य प्रसव हुआ। महिला ने यहां एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया। परिजनों के मुताबिक जच्चा-बच्चा स्वस्थ हैं। उनके चेहरे पर घर में किलकारी गूंजने की खुशी तो है लेकिन पर्वतीय क्षेत्रों के अस्पतालों में बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं की मार सहने पर आक्रोश भी है।
🔹14 घंटे तक बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं की मार सहती रही गर्भवती
बागेश्वर की महिला को 16 घंटे तक बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं की मार सहनी पड़ी। पति दीपक जोशी ने बताया कि प्रसव वेदना से जूझती पत्नी को लेकर वह सुबह 10 बजे जिला अस्पताल पहुंचे। वहां से उन्हें रेफर कर दिया गया। यहां से गर्भवती दोपहर एक बजे अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज पहुंची और रेफर करने के बाद रात आठ बजे हल्द्वानी की ओर रवाना हुई। उसे किसी तरह रात 11:30 बजे हल्द्वानी के निजी अस्पताल पहुंचाया गया। जिस ऑपरेशन को पहाड़ के डॉक्टर जटिल बता रहे थे, हल्द्वानी में महिला का सामान्य प्रसव हुआ। संवाद
🔹न मिला खून, न मिला आपातकालीन सेवा का साथ
मेडिकल कॉलेज में ब्लड बैंक न होने की मार गर्भवती को सहनी पड़ी। उन्हें यहां न तो खून मिला और न ही एंबुलेंस। इस कारण उन्हें हायर सेंटर रेफर किया गया। मेडिकल कॉलेज प्रबंधन के पास एंबुलेंस उपलब्ध न होने पर पति दीपक ने आपातकालीन सेवा 108 को फोन किया। पति दीपक और प्रसव पीड़िता एंबुलेंस पहुंचने का इंतजार करते रहे, लेकिन 108 नहीं मिल सकी। ऐसे में निजी वाहन से वह अपनी गर्भवती पत्नी को हल्द्वानी ले गए।