Almora News:रैमजे इंटर कॉलेज में लगा समर कैंप बच्चों ने खेलों में की मस्ती,अध्यक्ष मंडल में शामिल हुए बच्चे

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अल्मोड़ा।   अल्मोड़ा से प्रकाशित बच्चों की पत्रिका बालप्रहरी,बालसाहित्य संस्थान एवं भारत ज्ञान विज्ञान समिति अल्मोड़ा के संयुक्त तत्वावधान में रैमजे इंटर कॉलेज अल्मोड़ा में 23 से 27 जून तक आयोजित बाल विज्ञान मेले को संबोधित करते हुए शिक्षाविद् डां विजय ढौढियाल कहा कि  हम अपने घर के किचन में विज्ञान के कई प्रयोग करते हैं। दूध से दही व मक्खन बनाने, सब्जियों को संरक्षित करने, रायता बनाने, कंपोस्ट खाद बनाने आदि गतिविधियों में प्रतिदिन विज्ञान के कई प्रयोग करते हैं। दूसरी ओर हमारे बच्चे विज्ञान विषय से दूरी बनाते हैं। विज्ञान के प्रयोग केवल बड़ी बड़ी प्रयोगशाला में होते हैं ये मानकर विज्ञान विषय को कठिन समझते हैं।  हमारे यहां आदिकाल से हमारे पूर्वज लोक विज्ञान व अपने अनुभव से नई नई खोज करते रहे हैं। 

भारत ज्ञान विज्ञान समिति के प्रांतीय सचिव श्री नीरज पंत ने सभी का स्वागत करते हुए कहा कि आज हमारे समाज में कई अंधविश्वास व्याप्त हैं। हम बगैर सोचे समझे कई निर्णय लेते हैं। विज्ञान हमें क्या क्यों तथा कैसे आदि तर्क – वितर्क करने की सीख देता है। 

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कार्यशाला की रुपरेखा प्रस्तुत करते हुए बालसाहित्य संस्थान अल्मोड़ा के सचिव व बालप्रहरी के संपादक उदय किरौला ने कहा कि बालप्रहरी/बालसाहित्य संस्थान अल्मोड़ा द्वारा अभी तक भारत के 16 राज्यों में 318 स्थानों पर  पांच दिवसीय कार्यशालाएं आयोजित की जा चुकी हैं। उन्होंने कहा कि  5 दिवसीय कार्यशाला में बच्चों को  लोक विज्ञान से परिचित कराते हुए  उन्हें विषय पर मौखिक व लिखित अभिव्यक्ति के लिए प्रेरित किया जाना इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य है। उनके अनुसार कार्यशाला में प्रत्येक बच्चे की एक हस्तलिखित पुस्तक तैयार की जाएगी। कार्यशाला में बाल कवि सम्मेलन, समूह गीत तथा नुक्कड़ नाटक आदि विधाओं से बच्चों को जोड़ा जाएगा।   

कार्यशाला के पहले दिन भारत ज्ञान विज्ञान समिति के जिला सचिव कृपालसिंह शीला ने  कविता के बारे में बताते हुए कहा कि कविता कोई सिखाने की विधा नहीं है। हमारे आंतरिक मन के विचार ही कविता हैं। उन्होंने कहा कि हमें कविता व कहानी लिखने से पहले  अपने पाठ्य पुस्तक व दूसरे लेखकों की कविताओं व कहानियांं को पढ़ना भी जरूरी है*। कविता सत्र में पहले बच्चों ने अपने पाठ्य पुस्तक की कविताएं सुनाई। उसके बाद बच्चों से पूछा गया कि इन्हें कविता क्यों कहा जाता है। बच्चों ने अपनी भाषा में  बताया कि  कविता में तुक, लय, भाव तथा शीर्षक आदि का होना चाहिए । उसके बाद बच्चों ने समूह में कविता तैयार की। दिए हुए शब्दों के आधार पर कविता तैयार की।  बच्चों ने बादल, कंप्यूटर, मोबाइल, सूरज, पर्यावरण व स्वच्छता अभियान आदि विषय पर कविताएं तैयार की। 

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कार्यशाला की शुरुआत ‘ज्ञान का दीया जलाने’ समूह गीत से हुई। आज अध्यक्ष मंडल में तनुज पांडेय व हिमांशी रौतेला को  शामिल किया गया। आज संपन्न नाम लेखन प्रतियोगिता, शब्द लेखन प्रतियोगिता, सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता, चित्रकला प्रतियोगिता में  यशस्वी जोशी, हिमांशी रौतेला, मनीषा रौतेला, हितार्थ पांडे, दर्शन गुसाई, कृति जोशी, हिमानी गुसाई को पुरस्कार में बालसाहित्य दिया गया। 

आज बच्चों ने तोता कहता है, जैसा में कहूं, कितने भाई कितने, कितना बड़ा पहाड़, पिज्जा हट आदि खेलों में खूब मस्ती की।  भारत ज्ञान विज्ञान समिति के प्रांतीय उपाध्यक्ष प्रमोद तिवारी, उदय किरौला,  नीरज पंत,  गरिमा राणा, भगवती गुसाई, दिनेश चंद्र पांडेय,  गायत्री बिष्ट आदि ने संदर्भदाता बतौर बच्चों का मार्गदर्शन  किया।

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