Almora News:विश्वप्रसिद्ध मां नन्दा देवी मेले की तैयारियां प्रारंभ कदली वृक्ष चयन हेतु रैलाकोट दुलागांव पहुंची मन्दिर समिति, स्थानीय लोगों में उत्साह

अल्मोड़ा।
अल्मोड़ा का विश्वप्रसिद्ध एवं ऐतिहासिक मां नन्दा देवी मेला, जिसकी ख्याति देश-विदेश में है, की तैयारियां धूमधाम से शुरू हो गई हैं। रविवार को मां नन्दा देवी मेला समिति अल्मोड़ा नगर से लगभग सात किलोमीटर दूर रैलाकोट स्थित दुलागांव पहुंची, जहां पर मूर्ति निर्माण हेतु आवश्यक कदली (केले) वृक्षों का चयन किया गया।
रैलाकोट दुलागांव में आयोजित बैठक में समिति पदाधिकारियों और स्थानीय निवासियों के बीच परंपरागत रीति-रिवाजों के अनुसार निर्णय लिया गया कि इस वर्ष भी मां नन्दा-सुनन्दा की प्रतिमाओं के निर्माण के लिए कदली वृक्ष यहीं से लिए जाएंगे। बैठक में ग्रामीणों ने मेला आयोजन में हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया।
मेला समिति ने बताया कि 29 अगस्त से 3 सितंबर तक मेला आयोजित होगा। 29 अगस्त को मन्दिर समिति पारंपरिक विधि-विधान के साथ दुलागांव पहुंचेगी और कदली वृक्षों को औपचारिक निमंत्रण देगी। इसके अगले दिन, यानी 30 अगस्त को, ढोल-नगाड़ों और पारंपरिक लोक वाद्ययंत्रों की गूंज के बीच कदली वृक्षों को सजाकर मां नन्दा देवी मंदिर परिसर तक ले जाया जाएगा। इसके बाद मूर्ति निर्माण की प्रक्रिया प्रारंभ होगी, जिसमें स्थानीय कारीगर विशेष तकनीक से प्रतिमाएं बनाएंगे।
मेला समिति अध्यक्ष मनोज वर्मा ने कहा, “मां नन्दा देवी मेला हमारी आस्था, संस्कृति और परंपरा का प्रतीक है। यह केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि सामाजिक एकता और सांस्कृतिक पहचान का उत्सव है। इस वर्ष मेला और भी भव्य स्वरूप में आयोजित होगा, जिसमें स्थानीय लोगों के सहयोग से सभी पारंपरिक विधियों का पालन किया जाएगा। हमारा उद्देश्य है कि इस आयोजन के माध्यम से आने वाली पीढ़ियों को भी हमारी सांस्कृतिक धरोहर से जोड़ सकें।”
दुलागांव के ग्रामीण प्रतिनिधि धीरेन्द्र सिंह रावत ने कहा, “हमारे गांव से कदली वृक्ष जाना हमारे लिए सम्मान की बात है। पीढ़ियों से यह परंपरा चल रही है, और हमें गर्व है कि मां नन्दा देवी की प्रतिमा के लिए हमारे खेतों के वृक्ष चुने जाते हैं। हम पूरी श्रद्धा और उत्साह के साथ इस कार्य में सहयोग करेंगे।”
वहीं ग्रामवासी विनीता रावत ने कहा, “मेला हमारे लिए त्योहार से भी बढ़कर है। इन दिनों पूरे गांव में रौनक और उमंग का माहौल रहता है। इस बार हम चाहेंगे कि दूर-दूर से आने वाले श्रद्धालुओं को हमारी संस्कृति और परंपरा का असली स्वरूप देखने को मिले।”
🌸स्थानीय संस्कृति और आस्था का केंद्र
मां नन्दा देवी मेला न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। इस मेले में उत्तराखंड के विभिन्न क्षेत्रों से हजारों श्रद्धालु आते हैं। मेले के दौरान पारंपरिक झांकियां, लोकगीत, नृत्य और मेलार्थियों के लिए विविध आयोजन होते हैं।
पदाधिकारी और गणमान्य हुए शामिल रैलाकोट दुलागांव में आयोजित इस महत्वपूर्ण बैठक में मेला समिति अध्यक्ष मनोज वर्मा, व्यवस्थापक अनूप साह, सचिव मनोज सनवाल, मेला संयोजक पार्षद अर्जुन सिंह बिष्ट, पार्षद अमित साह मोनू, पार्षद कुलदीप मेर, पार्षद अभिषेक जोशी, हरीश भंडारी, मूर्ति संयोजक रवि गोयल, प्रधान अथरबनी विनोद जोशी राजीव कर्नाटक रक्षित साह, रवि कन्नौजिया, ग्राम पंचायत सदस्य कपिल मल्होत्रा, आशीष बिष्ट, गोलू भट्ट, पंकज परगाई, धन सिंह रावत, धीरेन्द्र सिंह रावत, पूरन सिंह रावत, गोपाल सिंह रावत, प्रमोद सिंह रावत, हेमंत सिंह रावत, योगेश सिंह रावत, चंदन सिंह रावत, गोलू रावत, भास्कर रावत अमित रावत भानू रावत, रेवती, कमला देवी, विक्रम सिंह रावत, सुरेन्द्र सिंह, रेखा देवी, सरस्वती देवी सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।
मौके पर उपस्थित ग्रामीणों और समिति सदस्यों ने एक स्वर में कहा कि इस बार का मेला और भी भव्य एवं आकर्षक होगा। तैयारियों की रफ्तार देखते हुए उम्मीद है कि इस वर्ष श्रद्धालुओं की संख्या पिछले वर्षों की तुलना में और अधिक होगी।