Almora News:नंदा देवी मेले की तैयारियाँ तेज़, 28 अगस्त से 3 सितंबर तक होगा आयोजन

अल्मोड़ा,
अल्मोड़ा की सांस्कृतिक विरासत और आस्था का प्रतीक नंदा देवी मेला इस वर्ष 28 अगस्त से 3 सितंबर तक ऐतिहासिक भव्यता के साथ आयोजित किया जाएगा। मेले की तैयारियों को लेकर नंदा देवी मंदिर प्रांगण में एक विशेष बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें नगर निगम के पार्षदों, व्यापार मंडल, जनप्रतिनिधियों और नागरिकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
बैठक की अध्यक्षता कर रहे मनोज वर्मा ने बताया कि यह मेला 209 वर्षों की परंपरा को संजोए हुए है और यह सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक एकता का भी प्रतीक है। उन्होंने कहा कि लगातार बढ़ रही जनसंख्या और श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए मेले का विस्तार समय की मांग है। इसके तहत एडम्स इंटर कॉलेज और मल्ला महल परिसर में भी कार्यक्रमों की योजना बनाई गई, एडम्स में कार्यक्रम भी हो पा रहे हैं। उन्होंने सभी से सहयोग करते हुए कार्यक्रम को वहां भी आयोजित करने का आग्रह किया।
मेयर अजय वर्मा ने आश्वासन दिया कि नगर निगम पहली बार इस मेले के आयोजन में पूर्ण रूप से भागीदारी करेगा। उन्होंने कहा कि यह नगर की पहचान और गौरव का विषय है, अतः नगर निगम की जिम्मेदारी बनती है कि वह इस आयोजन को सफल बनाने के लिए हर संभव प्रयास करे। उन्होंने सभी पार्षदों से अपील की कि वे अपने-अपने वार्डों से अधिक से अधिक जनता को जोड़ें। मेयर ने बताया कि मुख्यमंत्री से भी सहयोग की बात की जा रही है, ताकि इस मेले को राज्य स्तरीय पहचान और समर्थन मिल सके।
पूर्व पालिका अध्यक्ष शोभा जोशी ने कहा कि बुजुर्गों को मेले तक लाने के लिए विशेष प्रबंध किए जाने चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि मेले में अराजक तत्वों पर नजर रखने के लिए प्रशासन और निगम को सजग रहना होगा। साथ ही नगर के मार्गों की मरम्मत, झाड़ियों की सफाई और प्रकाश व्यवस्था को बेहतर करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
पूर्व दर्जा राज्य मंत्री बिट्टू कर्नाटक ने कहा कि मेले को सबका बनाना चाहिए और इसमें हर वर्ग की भागीदारी सुनिश्चित की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि मातृशक्ति की भागीदारी से मेला अधिक सशक्त बनेगा और इसे नशा मुक्त मेला बनाना समय की मांग है।
उपपा के राष्ट्रीय नेता पी.सी. तिवारी ने कहा कि नंदा देवी मेला केवल उत्सव नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक अस्मिता का प्रतीक है। उन्होंने आग्रह किया कि इस अवसर पर पुरानी परंपराओं, लोक गायन, वेशभूषा और अन्य सांस्कृतिक तत्वों को पुनर्जीवित किया जाना चाहिए।
व्यापार मंडल अध्यक्ष अजय वर्मा और उपाध्यक्ष दीपक जोशी ने कहा कि मेला केवल धार्मिक आयोजन नहीं है, यह व्यापारिक गतिविधियों को भी गति देता है। उन्होंने पूर्व की भांति व्यापार मंडल के पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया और कहा कि व्यापारी वर्ग मेले से भावनात्मक रूप से जुड़ा है।
पूर्व विधायक रघुनाथ सिंह चौहान ने कहा कि मेला पहले ही राजकीय मेला घोषित किया जा चुका है। अब जिला प्रशासन की जिम्मेदारी है कि इसके भव्य आयोजन के लिए रणनीति तैयार करे। उन्होंने कहा कि वर्ष 2026 में राजजात यात्रा भी प्रस्तावित है, ऐसे में नंदा देवी मेले को उसकी पूर्व पीठिका के रूप में और अधिक व्यापक बनाया जाना चाहिए।
कार्यक्रम संयोजक तारा जोशी ने बताया कि मेले में बच्चों के नृत्य, गायन, झोड़ा, चांचरी, और अन्य पारंपरिक प्रस्तुतियाँ होंगी। प्रत्येक वार्ड से कम से कम एक सांस्कृतिक टीम को शामिल करने के लिए पार्षदों से आग्रह किया गया है। वहीं, त्रिलोचन जोशी ने सुझाव दिया कि मेला आमंत्रण को एक शोभायात्रा का रूप दिया जाए, जिससे नगर में उत्सव का वातावरण और अधिक जीवंत हो।
पार्षद अमित साह मोनू ने मांग रखी कि विसर्जन स्थल पर प्रकाश व्यवस्था को बेहतर किया जाए, ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। उन्होंने नगर निगम से अपील की कि इस दिशा में त्वरित कार्यवाही की जाए।
बैठक में प्रमुख रूप से मेयर अजय वर्मा, पूर्व विधायक रघुनाथ सिंह चौहान, पूर्व दर्जा राज्य मंत्री बिट्टू कर्नाटक, पूर्व पालिका अध्यक्ष शोभा जोशी, दीप लाल साह, दिनेश गोयल, अनूप साह, अमित साह मोनू, पार्षद अभिषेक जोशी, अर्जुन सिंह बिष्ट, मनोज सनवाल, तारा जोशी, हरीश कनवाल, कपिल मल्होत्रा सदस्य ग्राम पंचायत सदस्य, जगत तिवारी, राजेंद्र बिष्ट, सहित समस्त नगर निगम पार्षद, व्यापारी और गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
मेले को लेकर उत्साह चरम पर है और नगरवासियों के सहयोग से इस वर्ष का नंदा देवी मेला एक नई ऊँचाई छूने की ओर अग्रसर दिखाई दे रहा है।