Almora News :कैंसर के उपचार में इस्तेमाल होने वाली दवा के दुष्प्रभावों को कम करने में कारगर साबित हो सकती है बिच्छू घास

0
ख़बर शेयर करें -

अल्मोड़ा। कैंसर के मरीजों के उपचार में इस्तेमाल होने वाली दवा के दुष्प्रभावों को कम करने में बिच्छू घास कारगर साबित हो सकती है। सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के शोधार्थी बिच्छू घास से दवा बनाने पर शोध करेंगे।

मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा शोध प्रोत्साहन योजना के तहत एसएजसे विवि के इस शोध कार्य को मंजूरी मिल गई है। शासन ने इसके लिए 8.50 लाख रुपये आवंटित किए हैं।

यह भी पढ़ें 👉  Almora News :सल्ट के भाजपा नेता को देर रात पुलिस ने किया गिरफ्तार,रविवार को आरोपी को कोर्ट में किया जाएगा पेश

कैंसर रोगियों की कीमोथैरेपी के दौरान डोक्सोरुबिसिन दवा के इस्तेमाल से मरीजों में बाल झड़ना, सफेद रक्त कोशिकाओं की संख्या में कमी, भूख न लगना, आंखों से जुड़ी समस्या, एलर्जी जैसे दुष्प्रभाव देखने को मिलते हैं। दवा के दुष्प्रभावों को कम करने के लिए एसएसजे विवि दो साल तक शोध कर कैंसर रोधी (एंटीनियोप्लास्टिक कीमोथैरपी) दवा तैयार करेगा। इस दवा से मरीज पर होने वाले विपरीत प्रभाव को कम किया जा सकेगा। संवाद

यह भी पढ़ें 👉  Uttrakhand News :उत्तराखंड में पहल बार आयोजित किया जाएगा अंतरराष्ट्रीय आयुर्वेद सम्मेलन,तैयारियां शुरू

💠कीमोथैरेपी के दौरान मरीजों को दी जाने वाली डोक्सोरुबिसिन दवा से मरीज के शरीर में पड़ने वाले दुष्प्रभावों को बिच्छू घास की मद्द से कम किया जा सकेगा। इस पर दो वर्ष तक शोध कार्य चलेगा। इसके बाद चूहों पर दवा का प्रयोग किया जाएगा।

– डॉ. मुकेश सामंत, प्रधान अन्वेशक, शोध परियोजना एसएसजे विवि, अल्मोड़ा ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *