सड़क होने के बावजूद प्रसव के लिए गर्भवती महिला को लेना पड़ा डोली का सहारा

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अल्मोड़ा: भैंसियाछाना विकासखंड के दूरस्थ गांव में प्रसव के लिए गर्भवती महिला और उसके परिजनों को कड़ी परीक्षा देनी पड़ी. मंगलवार देर शाम प्रसव पीड़ा के बाद महिला को डोली से अस्पताल पहुंचाया गया. भारी बारिश के बीच गांव के 5 पुरूष और एक महिला, गर्भवती को 17 किलोमीटर कठिन पहाड़ी मार्ग पारकर अस्पताल ले गए. जहां प्रसूता का सुरक्षित प्रसव कराया गया.

 

 

पूरा मामला भैंसियाछाना विकासखंड के दूरस्थ गांव थिकलना का है. जहां लीला जोशी को मंगलवार देर शाम अचानक प्रसव पीड़ा होने लगी. करीब साढ़े 8 बजे परिवार के लोगों ने स्थानीय वाहन चालकों से संपर्क किया. लेकिन भारी बारिश के बीच निर्माणाधीन मंगलता-त्रिनेली मोटर मार्ग की हालत खराब होने के कारण वाहन चालकों ने हाथ खड़े कर दिए. गर्भवती की हालत बिगड़ती देख परिवार के लोगों ने महिला को 17 किलोमीटर दूर पैदल मार्ग के रास्ते डोली से अस्पताल ले जाने का फैसला लिया.

 

 

 

भारी बारिश के बीच परिजन रात 11.30 बजे गर्भवती को डोली में बैठाकर अस्पताल के लिए रवाना हुए. गर्भवती महिला की डोली को कंधों में उठाकर ग्रामीणों ने कई पहाड़ियों को चढ़-उतरकर पार किया. इस दौरान साथ मौजूद महिला हाथ में छाता थामे गर्भवती को भीगने से बचाती रही. करीब 6 घंटे बिना रुके सफर तय करने के बाद ग्रामीण सुबह साढ़े पांच बजे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पनुआनौला पहुंचे.

 

 

देवदूतइसके बाद बुधवार सुबह साढ़े आठ बजे गर्भवती महिला का सुरक्षित प्रसव हुआ. फिलहाल जच्चा-बच्चा दोनों सुरक्षित हैं. प्रसव के बाद बुधवार देर शाम महिला को लेकर ग्रामीण वापस थिकलना गांव लौट आए हैं. गर्भवती महिला को कठिन मार्ग से डोली से पहुंचाने वाले दल में शामिल ग्रामीण भाष्कर चंद्र जोशी ने बताया कि क्षेत्र के गांवों को सड़क से जोड़ने के लिए 28 किलोमीटर मंगलता-त्रिनेली मोटर मार्ग बनाया जा रहा है. जबकि थिकलना गांव को सड़क से जोड़ने के लिए ग्रामीणों ने चंदे से जोलाबांज-थिकलना मोटर मार्ग भी बनाया है. लेकिन बारिश के दौरान दोनों मार्गों में वाहनों की आवाजाही बंद हो जाती है.

 

 

थिकलना के ग्रामीणों का कहना है कि मंगलता-त्रिनेली सड़क बनने के बाद भी ग्रामीणों को सड़क तक पहुंचने के लिए करीब डेढ़ किलोमीटर पैदल दूरी तय करनी होगी. ग्रामीणों ने मंगलता-त्रिनेली सड़क का शीघ्र निर्माण करने और गांव से सड़क को जोड़ने की मांग की है. गर्भवती को डोली से पहुंचाने वाले दल में भाष्कर चंद्र जोशी, रमेश चंद्र जोशी, सोबन सिंह, गोपाल सिंह, भावना जोशी शामिल रहे.

 

 

 

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