उत्तराखण्ड की पुरातात्विक ऐतिहासिक विरासत का संकलन करें शोधार्थियों—प्रो0 जीवन सिंह खर्कवाल
अल्मोड़ा – प्रभारी राजकीय संग्रहालय डॉ0 चन्द्र सिंह चौहान ने बताया कि प्रो0 जीवन सिंह खर्कवाल, निदेशक, जर्नादन राय, राजस्थान विद्यापीठ डीम्ड विश्वविद्यालय उदयपुर
द्वारा ‘‘आजादी के अमृत महोत्सव‘‘ एवं शैक्षिक जन जागरूकता अभियान के अन्तर्गत उत्तराखण्ड की पुरातात्विक ऐतिहासिक विरासत सम्बन्धी व्याख्यान पं0 गोविन्द बल्लभ पंत, राजकीय संग्रहालय, अल्मोड़ा के सभागार में स्लाइड शो के माध्यम से दिया गया।
प्रो0 खर्कवाल द्वारा उत्तराखण्ड की प्रागैतिहासिक काल से लेकर वर्तमान तक के वैज्ञानिक आधार पर पुरातात्विक एवं ऐतिहासिक जानकारी दी। राजस्थान के जिला उदयपुर जावर क्षेत्र के जिंक निकालने की पारम्परिक पद्धति की पूर्ण जानकारी दी। इसके अतिरिक्त उन्होंने यह भी बताया कि जावर क्षेत्र का जिंक मौर्य काल से शोधन की जानकारी दी गयी।
उन्होंने यहां के शोधार्थियों से उत्तराखण्ड के मन्दिर, नौले, धारे, कोर्ट, किले, भवन आदि की पारम्परिक जानकारी को संकलन व अभिलेखीकरण कार्य किये जाने पर जोर दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो0 अनिल कुमार जोशी, विभागाध्यक्ष इतिहास संस्कृति एवं पुरातत्व, एस0एस0जे0 विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा एवं विशिष्ट अतिथि प्रो0 बी0डी0एस0 नेगी इतिहास विभाग थे।
कार्यक्रम में डॉ0 दीपा जलाल, डॉ0 प्रेमा, डॉ0 रवि कुमार, शोधार्थी कु0 पूजा बिष्ट, बाल प्रहरी के सम्पादक उदय किरौला, शिवराज सिंह बिष्ट, जन्मेजय तिवारी, चन्द्र शेखर उपाध्याय, भवान सिंह, हरीश बिष्ट, ममता जीना, हेमा बिष्ट, रवि बिष्ट, भगवती देवी, शिवराज सिंह, महेश बिष्ट आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ0 ललित जलाल ने किया।