Almora News:स्वास्थ्य विभाग मिला अपना पहला फारेंसिक एक्सपर्ट,पूरे कुमाऊं को मिलेगा लाभ

0
ख़बर शेयर करें -

कुमाऊं मंडल में अपराध जांच के क्षेत्र में अब एक नई उम्मीद की किरण जगी है। स्वास्थ्य विभाग को अब अपना पहला फारेंसिक एक्सपर्ट मिल गया है। डा. मयंक किशोर चंद्र की तैनाती अल्मोड़ा के स्वास्थ्य विभाग में होने से न केवल जिले, बल्कि पूरे कुमाऊं को लाभ मिलेगा।

इससे अब जटिल अपराधों की गुत्थियां पहले से तेजी और वैज्ञानिक तरीके से सुलझाई जा सकेंगी। अदालतों को सटीक आयु निर्धारण रिपोर्ट समय पर मिल जाएगी।

अब तक क्षेत्र में फारेंसिक जांच के मामलों को हल करने के लिए नमूने देहरादून, रुद्रपुर आदि महानगरों में भेजने पड़ते थे। जिससे रिपोर्ट आने में देरी होती थी और न्यायिक प्रक्रियाएं भी प्रभावित होती थीं। लेकिन अब डा. चंद्र की तैनाती से यह समस्या काफी हद तक खत्म हो जाएगी। फारेंसिक जांच के जरिये अब अपराध, दुर्घटनाओं, श्रम विवादों और उम्र निर्धारण जैसे मामलों में तथ्यों की सटीक और विश्वसनीय रिपोर्ट अदालतों को समय पर मिल सकेगी। इससे न केवल जांच एजेंसियों को मदद मिलेगी बल्कि पीड़ितों को भी शीघ्र न्याय प्राप्त होगा।

यह भी पढ़ें 👉  देश विदेश की ताजा खबरें सोमवार 20 अक्टूबर 2025

कई बार किसी अपराध या कानूनी विवाद में आरोपित या पीड़ित की उम्र तय नहीं हो पाती थी, जिससे फैसलों में देरी या असमंजस की स्थिति बनती थी। अब एक्स-रे और अन्य फारेंसिक तकनीकों से यह प्रक्रिया स्थानीय स्तर पर ही पूरी की जा सकेगी। फारेंसिक विशेषज्ञ की तैनाती से स्वास्थ्य विभाग की क्षमता में बड़ा विस्तार हुआ है। यह कदम न केवल अपराध जांच में, बल्कि न्याय प्रणाली की पारदर्शिता और दक्षता बढ़ाने में भी मील का पत्थर साबित होगा।

यह भी पढ़ें 👉  Uttrakhand News:उत्तराखंड के सीमांत क्षेत्रों में सुविधाओं और सेवाओं के विस्तार को सीमांत क्षेत्र विकास परिषद का किया जाएगा गठन:मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी

🌸हड्डियों से आयु निर्धारण पर शोध कर चुके हैं डा. मयंक

अल्मोड़ा : जिला अस्पताल के फारेंसिक विभाग के डा. मयंक किशोर चंद्र ने उत्तराखंड के पहाड़ी और तराई क्षेत्र के 11 से 17 वर्ष की आयु वर्ग के बच्चों की हड्डियों के एक्स-रे का अध्ययन किया। इसमें उन्होंने कुहनी की रेडियस, ह्यूमरस, अल्ना, तथा हाथ, कलाई, मणिबंध-अस्थि और अंगुल्यास्थि का विशेष विश्लेषण किया। शोध में यह पाया गया कि हड्डियों के फ्यूजन (पिघलने की प्रक्रिया) के माध्यम से व्यक्ति की वास्तविक आयु का अधिक सटीक आकलन किया जा सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *