Pithoragarh News:जनपद के वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत किए जा रहे कार्यों की विभागवार समीक्षा बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी विनोद गोस्वामी की अध्यक्षता में हुई सम्पन्न

बैठक में जिलाधिकारी ने शिक्षा, चिकित्सा, विद्युत, पेयजल, ग्राम्य विकास, ग्रामीण निर्माण विभाग, लोनिवि, पीएमजीएसवाई, बाल विकास आदि विभागों द्वारा वाइब्रेंट विलेजों में किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की एवं निर्माण कार्यों की अद्यतन स्थिति की जानकारी ली।
उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा संचालित वाइब्रेंट विलेज योजना के प्रथम चरण में जनपद के 24 गांवों को चयनित किया गया है तथा द्वितीय चरण में 24 अन्य गांवों को भी शामिल किया गया है। इस प्रकार कुल 48 गांवों का वाइब्रेंट विलेज योजना के अंतर्गत समग्र विकास किया जा रहा है।
परियोजना निदेशक ग्राम्य विकास आशीष पुनेठा ने बताया कि योजना के अंतर्गत प्रथम चरण में चयनित 24 गांवों में गुंजी, कुटी, नाभि, नपलच्यू, बूढ़ी, गर्ब्यांग, रौंसला, गूंठी आदि गांव सम्मिलित हैं। द्वितीय चरण में धारचूला विकासखण्ड से 10, मुनाकोट से 9 एवं कनालीछिना से 5 गांव चयनित किए गए हैं।
उन्होंने जिलाधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी डॉ दीपक सैनी को बताते हुए कहा कि कि जनपद की कुल 62 योजनाओं के लिए राज्य सरकार द्वारा ₹5 करोड़ 58 लाख 50 हजार की धनराशि स्वीकृत की गई है, जबकि 15 प्रस्तावित योजनाओं हेतु ₹4 करोड़ 46 लाख की अतिरिक्त धनराशि की प्रतीक्षा है। इस योजना के अंतर्गत ट्रेकिंग रूटों का निर्माण, कैलाश म्यूजियम की स्थापना, हर वाइब्रेंट विलेज में सोलर लाइट्स, गूंजी में इनडोर स्टेडियम, सेब, कीवी व सिटरस फलों के बागवानी कार्य, तथा जड़ी-बूटी उत्पादन, दुग्ध उत्पादन आदि को प्रोत्साहित करने जैसे नवाचार प्रस्तावित हैं, जिनसे ग्रामीणों की आय में वृद्धि होगी एवं स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार को बढ़ावा मिलेगा।
जिलाधिकारी ने कहा कि सीमांत क्षेत्रों में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं और भारत सरकार की यह योजना पिथौरागढ़ जनपद के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध हो सकती है। इन गांवों का योजनाबद्ध विकास पलायन को रोकने में सहायक होगा तथा स्थानीय जनों को आजीविका के नवीन अवसर प्राप्त होंगे। उन्होंने मुख्य शिक्षा अधिकारी एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी को निर्देशित किया कि माइग्रेशन-प्रभावित क्षेत्रों में विद्यालय एवं आंगनबाड़ी केंद्र खोलने हेतु प्रस्ताव तैयार किए जाएं।
मुख्य विकास अधिकारी डॉ. दीपक सैनी ने जानकारी दी कि माननीय मुख्यमंत्री द्वारा सरमोली गांव को आदर्श गांव के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसी तर्ज पर जनपद के दो गांवों को आदर्श मॉडल विलेज के रूप में विकसित किया जाना है और उसके लिए 5 गांव को विकल्प के रूप में चुना गया है जिसमें से दो गांव को चुना जाएगा और इस हेतु संबन्धित विभागों द्वारा कार्य किया जा रहा है।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी डॉ. दीपक सैनी, परियोजना निदेशक ग्राम्य विकास आशीष पुनेठा, डीडीओ रमा गोस्वामी, मुख्य शिक्षा अधिकारी हरक राम कोहली, डीपीआरओ हरीश आर्या सहित सभी संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक का संचालन परियोजना निदेशक ग्राम्य विकास आशीष पुनेठा द्वारा किया गया।