आदमखोर बाघ की दहशत ग्रामीण पलायन को मजबूर।

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खटीमा सुरई वन क्षेत्र के अंतर्गत सीमांत गांव झाऊपरसा बगुलिया मे आदमखोर बाघ को पकड़ने में वन विभाग को अभी तक सफलता हाथ नहीं लगी है। हालांकि उच्च अधिकारियों के दिशा निर्देश पर वन विभाग की टीम द्वारा 25 मई की घटना के बाद से ही क्षेत्र में लगातार गश्त किया जा रहा है।

 

 

वहीं बाघ को पकड़ने के लिए घटना क्षेत्र में ही पिजड़ा लगा दिया गया है। साथ ही ड्रोन तथा कैमरा ट्रैप आदि के माध्यम से लगातार बाघ की लोकेशन खंगाली जा रही है लेकिन बाघ अभी तक हत्थे नहीं चढ़ा। वहीं 13 मई और 25 मई को बाघ के हमले से हुई दर्दनाक घटना के बाद से ही ग्रामीणों में भारी दहशत और भय का माहौल है।

 

 

कई परिवार अपने घरों में ताला लगा कर घर छोड़कर पलायन कर चुके हैं। वहीं घटनास्थल के पास स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय में भी भय के माहौल से बच्चे स्कूल नहीं जा रहे हैं। साथ ही बाघ के दहशत और भय से आक्रोशित ग्रामीणों का कहना है कि बाघ आदमखोर हो चुका है और घटना के बाद से ही क्षेत्र में लगातार बना हुआ है, कभी भी हमला कर सकता है ।

 

 

 

वहीं ग्रामीण बाघ को किसी तरह तत्काल पकड़कर अन्यत्र छोड़ने की वन विभाग से लगातार गुहार लगा रहे हैं। ताकि ग्रामीण जनजीवन सामान्य हो सके। वहीं इस मामले में सुरई वन रेंज अधिकारी सुधीर कुमार ने बताया कि अलग-अलग टीमों द्वारा दिन-रात घटना क्षेत्र में गश्त किया जा रहा है।

 

 

ग्रामीणों को जंगल और डैम क्षेत्र में न जाने की हिदायत दी गई है। उन्होंने कहा कि ड्रोन और कैमरा ट्रैप के माध्यम से बाघ की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है। वन रेंज अधिकारी ने जल्दी ही सफलता मिलने की उम्मीद जताई है।

 

 

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