Uttrakhand News :यूपी प्रशासन ने उत्तराखंड के जनपदों में गेहूं की बिक्री करने पर लगाई पूरी तरह से रोक,जानिए वजह

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यूपी प्रशासन ने उत्तराखंड के जनपदों में गेहूं की बिक्री करने पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। यूपी के बॉर्डर पर खाद्य विपणन विभाग की टीम को लगाया गया है। टीम बॉर्डर के आसपास खड़ी होकर किसानों को उत्तराखंड में गेहूं ले जाने से रोक रही है।

किसानों को क्रय केंद्रों पर गेहूं बेचने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। दरअसल, बिजनौर जनपद गेहूं खरीद के लक्ष्य में पूरी तरह से पिछड़ रहा है। अभी खाद्य विपणन विभाग गेहूं खरीद के लक्ष्य से कोसों दूर है। प्रशासन का गेहूं खरीद का लक्ष्य पूरा न होने पर पसीना छूट रहा है। क्रय केंद्रों पर वाजिब दाम न मिलने पर किसान गेहूं उत्तराखंड की मंडी व व्यापारियों को बेच रहे हैं।

बिजनौर जनपद में गेहूं खरीद का लक्ष्य 50 हजार 700 मेट्रिक टन है। रबि फसल में गेहूं खरीद का लक्ष्य पूरा करने के लिए 49 क्रय केंद्र खोले गए हैं। प्रत्येक कंपनी के क्रय केंद्र को गेहूं खरीद का लक्ष्य दिया गया है। बाजार में गेहूं का दाम अधिक होने की वजह से किसान क्रय केंद्रों पर गेहूं की बिक्री करने से कतरा रहे हैं। किसान सुभाष कुमार, नीरज सिंह, तुंगल सिंह आदि का कहना है कि क्रय केंद्रों पर किसानों को 2275 रूपये प्रति कुंतल के दाम मिल रहे हैं। जबकि बाजार में इस समय गेहूं के दाम 2300 रूपये प्रति कुंतल से 2400 रूपये प्रति कुंतल मिल रहे हैं। क्रय केंद्रों पर बाजार के अपेक्षा कम दाम मिलने पर किसानों का सरकारी गेहूं खरीद से मोह भंग हो गया है। अधिकांश किसान व्यापारियों को महंगे दाम पर गेहूं बेच रहे हैं। जबकि बड़े किसान उत्तराखंड की मंडी व राईस मिर्ल्स को गेहूं की बिक्री कर रहे हैं। ऐसे में जनपद की गेहूं खरीद का लक्ष्य पूरा न होने पर प्रशासन के हाथ पांव फूल गए हैं। प्रशासन ने क्रय केंद्रों का लक्ष्य पूरा करने के लिए उत्तराखंड बॉर्डर पर किसानों को रोकने के लिए टीम तैनात कर दी है। प्रशासन यूपी का गेहूं उत्तराखंड में ले जाने वाले किसानों को बॉर्डर पर ही रोक रहे हैं। किसानों को क्रय केंद्रों पर गेहूं बेचने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। लेकिन किसान मानने को तैयार नहीं हैं।

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💠किसानों की रोकी जा रही ट्रैक्टर ट्राली

गांव अमाननगर निवासी किसान मुकेश कुमार, राजीव, हरभजन सिंह का कहना है कि वह अपने गेहूं को बिक्री के लिए लेकर उत्तराखंड में जा रहे थे। प्रशासन की टीम ने उनकी ट्राली को बादीगढ़ चौराहे पर ही रोक लिया। जबरन उन पर गेहूं क्रय केंद्र पर बेचने का दबाव बनाया। टीम को मनमानी को देखते हुए किसान अड़ गए। किसान अपने गेहूं से लदे वाहनों को वापिस घर लेकर चले गए।

💠-राईस मिर्ल्स के स्टॉक पर लगाई रोक

प्रशासन ने लक्ष्य को पूरा करने के लिए जनपद बिजनौर के अधिकांश राईस मिर्ल्स के स्टॉक पर भी पूरी तरह से रोक लगा दी है। राईस मिर्ल्स को हिदायत दी गई है कि लिमिट से अधिक खरीद करने पर गेहूं को जब्त कर लिया जाएगा। ऐसे में जनपद के व्यापारी गेहूं खरीदने से डरे हुए हैं। राईस मिर्ल्स ने गेहूं की खरीद को पूरी तरह से बंद कर दिया है।

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💠-उत्तराखंड में लगे हैं सीड प्लांट

उत्तराखंड में दर्जनों की संख्या में सीड प्लांट लगे हुए हैं। इसी वजह से उत्तराखंड में यूपी के किसानों का गेहूं अधिक दाम पर खरीदा जा रहा है। उत्तराखंड की सीमा से लगे यूपी के किसान ट्रैक्टर ट्रालियों में गेहूं भरकर सीड प्लांट व मैदा मिल पर ले जा रहे हैं। इसी के चलते जनपद का लक्ष्य पूरा नहीं हो पा रहा है।

💠अब तक 6157 कुंतल की खरीद

जनपद में कुल 49 गेहूं क्रय केंद्रों पर 50 हजार 700 मेट्रिक टन लक्ष्य के सापेक्ष 6157 कुंतल की खरीद हो पाई है। ऐसे हालत में प्रशासन गेहूं खरीद के लक्ष्य से कोसों दूर है। गेहूं खरीद का लक्ष्य पूरा करने के लिए प्रशासन को पसीना बहाना पड़ेगा। किसानों को क्रय तक लाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी।

💠भंडारण पूरा करना प्रशासन की प्राथमिकता

प्रशासन की प्राथमिकता भंडारण क्षमता को पूरा करना है। किसानों को गेहूं की निजी तौर पर बिक्री करने पर कोई रोक नहीं है। किसानों को क्रय केंद्रों पर गेहूं बेचने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। क्रय केंद्र प्रभारियों को लक्ष्य पूरा करने के लिए गांव गांव जाकर किसानों से संपर्क साधकर प्रेरित करने के निर्देश दिए गए हैं। खरीद का लक्ष्य पूरा न करने वाले केंद्र प्रभारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। धामपुर तहसील में सबसे ज्यादा गेहूं क्रय के 16 केंद्र लगाए गए हैं।

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