Uttrakhand News :उत्तराखंड सरकार अन्य राज्य से सस्ती दरों पर खरीदेगी भूमि,जानिए पूरी योजना

0
ख़बर शेयर करें -

उत्तराखंड सरकार वन भूमि के बदले प्रतिपूरक वन रोपण के लिए गैरवान भूमि का एक लैंड बैंक बनाने की योजना तैयार कर रही है। राज्य में मौजूद और भाभी बड़ी परियोजनाओं की राह में जमीन की कमी बड़ी अड़चन है।

लैंड बैंक में शामिल इस भूमि का उपयोग प्रतिपूरक वानरोपण के लिए हो सकेगा। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने एक बैठक में इस योजना का प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए हैं। प्रदेश में 70 फीसदी से अधिक भूभाग वन क्षेत्र है। इस कारण राष्ट्रीय महत्व और राज्यहित की योजनाओं में वन भूमि की आवश्यकता होती है। लेकिन मन भूमि हस्तांतरण के लिए दोगुनी गैर वन भूमि जुटाने में राज्य सरकार के पसीने छूट रहे हैं।

हाल ही में केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने मांगों में कुछ छूट दी है। लेकिन प्रदेश में गैर वन भूमि बेहद सीमित मात्रा में होने के कारण दिक्कतें हैं। गैर वन भूमि सहज उपलब्ध न होने से सड़कों की कई अहम निर्माण अधीन वह प्रस्तावित परियोजनाएं प्रभावित हो रही है। मिसाल के तौर पर हल्द्वानी नैनीताल सड़क चौड़ीकरण होना और काशीपुर रामनगर फोरलेन बनना है।

यह भी पढ़ें 👉  Uttrakhand News:पुलिस दूरसंचार पद के लिए 68 प्रतिशत अभ्यर्थी रहे अनुपस्थित

इन दोनों प्रोजेक्टों के लिए गैर वन भूमि जुटाना विभाग के लिए मुश्किल हो गया है। ऐसी ही अन्य परियोजनाएं हैं। जिनकी वनीय स्वीकृति मिलने में देरी हो रही है।

उत्तर प्रदेश सरकार 2022 में ही लैंड बैंक बन चुकी है। चूंकि राज्य में सिंचाई की बड़ी मात्रा में भूमि उपलब्ध थी। इसलिए यूपी ने 600 हेक्टेयर भूमिका लैंड बैंक बना लिया है। लेकिन उत्तराखंड में सिंचाई व अन्य किसी विभाग के पास इतनी भूमि नहीं है। इसलिए कई विभागों की सरकारी भूमि को चिन्हित का लैंड बैंक बनाने पर विचार हो रहा है।

यह भी पढ़ें 👉  Uttrakhand News:प्रदेश के सभी सरकारी चिकित्सकों केदो अस्पताल में मेडिकल कॉलेज में अनिवार्य रूप से लगेंगे सोलर रूफटॉप पैनल

प्रतिपूरक वनरोपण के लिए देश में कहीं भी उपयुक्त भूमि का चयन हो सकता है। इसलिए उत्तराखंड सरकार राज्य की सीमा के पास उत्तर प्रदेश या अन्य राज्य से सस्ती दरों पर एक हजार हैक्टेयर भूमि की खरीद करने पर विचार कर रही है। इस भूमि को लैंड बैंक के रिजर्व पूल में शामिल कर दिया जाएगा। इसके लिए लोक निर्माण विभाग वन एवं राजस्व विभाग की एक समिति बनेगी। जो योजना के आगे के स्वरूप को तय करेगी। वन विभाग इसका एक प्रस्ताव तैयार करेगा। जिसे मंत्रिमंडल के समक्ष रखा जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *