Uttrakhand News :हिमाचल प्रदेश में किया जाएगा भांग का औषधीय, औद्योगिक और वैज्ञानिक उपयोग, प्रस्ताव तैयार
हिमाचल प्रदेश में भांग का औषधीय, औद्योगिक और वैज्ञानिक उपयोग किया जाएगा। प्रदेश में भांग की खेती को वैध बनाने की तैयारियां लगभग पूरी हो गई हैं। विभाग ने इस बाबत प्रस्ताव तैयार कर लिया है।
💠संबंधित विभागों से भी राय-मशविरा जारी है।
प्रस्ताव को मंजूरी देने के लिए राजस्व एवं जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू से समय मांगा है। एनडीपीएस अधिनियम 1985 और नियम 1989 के प्रावधानों के तहत नीति बनाई जा रही है।
उत्तराखंड में हो रहे भांग के औद्योगिक उपयोग को भी प्रदेश की एक कमेटी ने स्टडी किया है। बीते वर्ष सरकार ने पक्ष और विपक्ष के सदस्यों की राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में 7 सदस्यीय कमेटी बनाई थी। इस कमेटी ने भांग की खेती करने वाले राज्यों का अध्ययन करने के बाद रिपोर्ट सौंप दी है। कमेटी ने राज्य के सभी जिलों का दौरा कर पंचायत स्तर से जनप्रतिनिधियों के सुझाव भी लिए हैं। मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर का दौरा कर भांग की खेती को औषधीय और औद्योगिक रूप में अपनाने की बारीकियां भी समझी हैं।
कैबिनेट मंत्री जगत सिंह नेगी ने बताया कि एनडीपीएस एक्ट में भी भांग की खेती पर राज्यों को लीगल करने का अधिकार दिया गया है। भांग की खेती से प्रदेश की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने में मदद मिल सकती है लेकिन इससे नशे को बढ़ावा देने की प्रवृत्ति न हो। भांग की खेती के लिए एक नीति बनाई गई है, जिसे मुख्यमंत्री को दिखाने के बाद आगामी कार्यवाही की जाएगी। खेती के लिए बीज सरकार देगी और खेती पॉलीहाउस में होगी। खेत के लिए भी इसका प्रावधान किया जाएगा। सरकार पूरा चैक रखेगी की भांग की खेती का नशे में प्रयोग न हो।