World Alzheimer Day:पतंजलि विवि में ‘विश्व अल्जाइमर दिवस’एवं ‘विश्व शान्ति दिवस’का हुआ आयोजन,स्वास्थ्य संबंधी सभी पहलुओं पर हुई चर्चा

हर वर्ष दुनिया में 21 सितंबर को ‘विश्व अल्जाइमर दिवस’ और ‘विश्व शांति दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। ‘अल्जाइमर’ एक मानसिक रोग की श्रेणी में आता है, जिसका मुख्य लक्षण भूल जाने से संबंधित है। वैसे तो भूलना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है तथा इस संदर्भ में मनोवैज्ञानिकों की ओर कई सिद्धांतों का प्रतिपादन किया गया है।
🔹सामाजिक जागरूकता को बढ़ाकर इस दिशा में करेंगे महत्वपूर्ण प्रयास
पतंजलि विवि के मनोविज्ञान विभाग की ओर से आयोजित सम्मेलन में मनोविज्ञान विभाग की अध्यक्ष डा. वैशाली गौड़ ने सेमिनार की रूपरेखा प्रस्तुत की। इस दिशा में मनोविज्ञान विभाग के कार्यों से प्रतिभागियों को अवगत कराया। बताया कि सामाजिक जागरूकता को बढ़ाकर इस दिशा में महत्वपूर्ण प्रयास किया जा सकता है।
🔹अल्जाइमर के वर्तमान आंकड़ें व अन्य संबंधित पहलुओं पर की चर्चा
विशेषज्ञ वक्ता के रूप में प्रो. मनीष अस्थाना, वरिष्ठ आचार्य आइआइटी रुड़की ने अल्जाइमर के वर्तमान आंकड़े एवं प्रभाव, इसके मुख्य लक्षण और संभावित कारणों की चर्चा की। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि एवं संकायाध्यक्ष (अनुसंधान) प्रो. मनोज कुमार पटैरिया एवं संकायाध्यक्ष (शिक्षण) प्रो. वीके कटियार ने प्रतिभागियों को संबोधित करते इस दिशा में नवीन शोध कार्य को प्रेरित किया।
🔹कार्यक्रम में योग मनोविज्ञान को समझाया
पूर्वांचल विवि जौनपुर के पूर्व कुलपति प्रो. राजा राम यादव (Prof. Raja Ram Yadav) ने पतंजलि की ओर से विश्व शांति के लिए किए गए प्रयासों की सराहना की। सबके शांति-समृद्धि की कामना की। इस मौके पर भारत स्वाभिमान के मुख्य केंद्रीय प्रभारी स्वामी परमार्थदेव ने विभिन्न आर्ष ग्रंथों का संदर्भ देते योग मनोविज्ञान को समझाया।
🔹विश्व में हर साल लाखों लोग इस रोग से होते हैं ग्रसित
सम्मेलन के सह-सचिव एवं मनोविज्ञान के सह-आचार्य डा. अभिषेक भारद्वाज ने अतिथियों व प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए बताया कि प्रतिवर्ष लाखों लोग विश्व में इस रोग से ग्रसित होते हैं, जिससे उनकी संज्ञानात्मक क्षमता का ह्रास होता है। इसके परिमाणस्वरूप उन्हें व्यावहारिक परेशानियां भी झेलनी पड़ती है।मनोविज्ञान विभाग के विद्यार्थियों ने कार्यक्रम का संचालन किया। कई रोचक एवं ज्ञानवर्धक प्रस्तुतियां भी दी, जिससे विद्यार्थी, शोधार्थी और विभिन्न विषयों के आचार्य लाभान्वित हुए।
🔹इस दौरान रहे उपस्थित
विश्वविद्यालय के कुलानुशासक स्वामी आर्षदेव, संकायाध्यक्ष (योग विभाग) प्रो. ओम नारायण तिवारी, संकायाध्यक्ष प्राकृतिक चिकित्सा डा. तोरण सिंह, संकायाध्यक्ष छात्र कल्याण डा. बिपिन दूबे एवं परीक्षा नियंत्रक डा. एके सिंह आदि उपस्थित रहे।