Uttrakhand News :प्रमोशन में आरक्षण की मांग को लेकर शिक्षा विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी नवमी देवी की याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी

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उत्तराखंड में उच्च न्यायालय (एचसी) ने सरकारी नौकरियों में पदोन्नति में आरक्षण पर 2011 की खंडपीठ के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि पदोन्नति में आरक्षण का दावा अधिकार के रूप में नहीं किया जा सकता है।

💠इसी आधार पर कोर्ट ने शिक्षा विभाग में चतुर्थवर्गीय कर्मचारी नवमी देवी की याचिका खारिज कर दी है. याचिकाकर्ता ने पदोन्नति में आरक्षण की मांग करते हुए 2018 में अदालत का दरवाजा खटखटाया था। दावा किया कि अनुसूचित जाति की कर्मचारी होने के नाते वह आरक्षण का लाभ पाने की हकदार हैं।

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💠2011 में हाईकोर्ट ने प्रमोशन में आरक्षण कानून को खारिज कर दिया था.

उत्तरकाशी के राजकीय पुस्तकालय भटवाड़ी में चतुर्थ श्रेणी पद पर कार्यरत नवमी देवी के अधिवक्ता ने बताया कि याचिकाकर्ता शिक्षा विभाग में कार्यरत ग्रुप-डी कर्मचारी है। उनके मुताबिक वह अनुसूचित जाति वर्ग से हैं, इसलिए आरक्षण का लाभ पाने की हकदार हैं. वहीं सरकार के वकील वीरेंद्र सिंह रावत ने बताया कि प्रमोशन में आरक्षण देने के एक्ट को हाईकोर्ट की खंडपीठ ने 2011 में खारिज कर दिया था.

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💠5 सितंबर 2012 को प्रमोशन में आरक्षण व्यवस्था खत्म करने का शासनादेश जारी किया गया था. इस फैसले के मद्देनजर आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकता. राज्य में पदोन्नति में आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं है। इसलिए, पदोन्नति में आरक्षण का दावा अधिकार के रूप में नहीं किया जा सकता है!