Ban Rice Export To Nepal:भारत के गैर बासमती चावल निर्यात पर प्रतिबंध से नेपाल में बड़ी परेशानी

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भारत के चावल निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के बाद नेपाल में चावल के दाम बढ़ने लगे हैं।20 जुलाई को भारत ने ग़ैर बासमती सफ़ेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की और इसके तुरंत बाद ही अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में इसकी क़ीमतों में 15 फ़ीसदी के उछाल की चर्चा होने लगी।

🔹5 किलो के पैकेट की क़ीमत 300 रुपए से ज़्यादा हो गई

इसका असर नेपाल में भी खुदरा दुकानों पर दिखना शुरू हो गया है।

किराना दुकानदार रामशरण श्रेष्ठ ने बताया कि 5 किलो के पैकेट की क़ीमत 300 रुपए से ज़्यादा हो गई है।रीटेल ट्रेड एसोसिएशन के सचिव राजू मास्के के मुताबिक़, जैसे ही भारत ने प्रतिबंध का एलान किया, थोक विक्रेताओं ने भी क़ीमतें बढ़ा दीं.उन्होंने कहा, डेढ़ हफ़्ते पहले तक स्टिम जिरामसिनो चावल 1,900 रुपये प्रति बोरी से बढ़कर 2,000 रुपये और 2,100 रुपये प्रति बोरी हो गया है।

🔹पूरी कोशिश करेगी कि क़ीमतें न बढ़ने पाएं

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हालांकि उत्पादकों ने कहा है कि उन्होंने चावल की क़ीमतों में कोई बढ़ोतरी नहीं की है।नेपाल चावल, दाल, तेल उत्पादक संघ के महासचिव दीपक कुमार पौडेल ने कहा, ”हमने क़ीमत नहीं बढ़ाई है। असल में तीन महीने तक का स्टॉक अभी है।’उद्योग, वाणिज्य एवं आपूर्ति मंत्री रमेश रिजाल के मुताबिक़, बाज़ार में चावल की क़ीमत बढ़ाने की कोई ज़रूरत नहीं है।मंत्री रिजाल ने बीबीसी को बताया, ”सरकार बाज़ार में क़ीमतें बढ़ने की अफ़वाहों पर नज़र बनाए हुए है। ये सिर्फ़ अफ़वाहें हैं।सरकार क़ीमतें नहीं बढ़ने देगी.साथ ही उन्होंने कहा कि ‘सप्लाई बाधित होने की स्थिति में सरकार पूरी कोशिश करेगी कि क़ीमतें न बढ़ने पाएं।’ इस संबंध में वो भारत से बातचीत करने के लिए तैयार हैं। 

 

उन्होंने कहा, ”हमने भारत के साथ बातचीत शुरू कर दी है. जो लोग पहले ही मांग कर चुके हैं, उनके मामले में उन्होंने कुछ रियायतें भी दी हैं।अतीत में, उन्होंने हमारे अनुरोध को स्वीकार किया है।

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उनके मुताबिक़, “हम आकलन करेंगे कि कितना आयात करने की ज़रूरत है और फिर हम भारत से बात करेंगे. वे हमें देने के लिए तैयार हैं। यह एक कठिन बातचीत रही है।

🔹नेपाल में कितना होता है चावल?

कृषि विभाग के उप महानिदेशक और विभाग के प्रवक्ता जानुका पंडित ने कहा कि नेपाल का वार्षिक धान उत्पादन 55 लाख मीट्रिक टन है.उन्होंने कहा, “उसके अलावा 6 से 7 लाख मीट्रिक टन आयात किया जाता है.”

🔹नेपाल में घरेलू चावल उत्पादन पर संकट

भारत के चावल निर्यात पर प्रतिबंध के फ़ैसले के अलावा बारिश की कमी के चलते चावल उत्पादन को लेकर काफ़ी चिंता है.ऐसी ख़बरें हैं कि तराई क्षेत्र में पर्याप्त बारिश नहीं होने के कारण समय पर धान की रोपाई नहीं हो सकी, वहीं दूसरी ओर लम्पी स्किन रोग के कारण किसानों के लगभग 50,000 मवेशियों की मौत हो गई है।