Uttrakhand News:सीएम पुष्कर सिंह धामी सरकार का बना प्लान,अब जमीन के सौदे और शादी में रुकेगा फर्जीवाड़ा

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गलत कागजों व पहचान से भूमि की रजिस्ट्री या विवाह पंजीकरण पर अब सख्ती से रोक लगेगी। सीएम पुष्कर सिंह धामी सरकार ने रजिस्ट्रीकरण योग्य दस्तावेजों के पक्षकारों की पहचान और बायोमीट्रिक सत्यापन के लिए नया सिस्टम लागू कर दिया।

राज्य के रजिस्ट्रीकरण कार्यालय, महीनेभर में भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के डाटा बेस से जुड़ने जा रहे हैं।

🔹पक्षकारों की पहचान,बायोमीट्रिक सत्यापन होगा जरुरी 

इससे रजिस्ट्री दफ्तर में बायोमीट्रिक मशीन पर अंगूठा लगाते ही जमीन की रजिस्ट्री या शादी का रजिस्ट्रेशन कराने आए व्यक्तियों की पूरी कुंडली पलभर में सामने आ जाएगी। राज्य में आधार प्रमाणीकरण सेवा लागू करने के लिए उत्तराखंड रजिस्ट्रीकरण योग्य दस्तावेजों के लिए पक्षकारों की पहचान,बायोमीट्रिक सत्यापन नियमावली अस्तित्व में आ गई।

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🔹आधार प्रमाणीकरण सुविधा की अनुमति दी 

केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद महानिरीक्षक निबंधन डॉ.अहमद इकबाल ने नई नियमावली की अधिसूचना जारी कर दी। अब तक रजिस्ट्रीकरण की प्रक्रिया में कुछ झोल थे। प्रमाण के रूप में आधार कार्ड की सत्यापित कापी जरूर ली जाती थी, पर उसकी जांच की व्यवस्था नहीं थी। एआईजी निबंधन-मुख्यालय अतुल शर्मा ने बताया कि केंद्र सरकार ने राज्य को आधार प्रमाणीकरण सुविधा की अनुमति दी है।

🔹मशीन का कनेक्शन सीधा यूआईडीएआई के डाटा बेस से होगा

अधिसूचना के जरिए सरकार ने भी इसे लागू कर दिया है। अब यूआईडीएआई के साथ समन्वय करते हुए इस सिस्टम को लागू किया जाएगा। विभागीय बायोमीट्रिक मशीन का कनेक्शन सीधा यूआईडीएआई के डाटा बेस से होगा। इसकी मदद से रजिस्ट्री के वक्त बायोमीट्रिक मशीन के जरिए दोनों पक्षों की प्रमाणिक जांच हो सकेगी।

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🔹यूं होगी जांच

रजिस्ट्री के वक्त आधार सत्यापन के लिए संबंधित पक्ष को लिखित या इलेक्ट्रॉनिक रूप में सहमति देनी होगी। इसके बाद व्यक्ति के फिंगर प्रिंट स्कैन या आईरिस के साथ 12 अंकों की आधार संख्या रजिस्ट्रीकरण साफ्टवेयर के जरिए यूआईडीएआई के सिस्टम में दर्ज किया जाएगा। पहचान के लिए फिंगर प्रिंट या आइरिस का मिलान पर्याप्त होगा। इसके बाद यूआईडीएआई सिस्टम व्यक्ति का रिकार्ड वापस कर देगा। इस सत्यापन को यूनीक ट्रांजेक्शन कोड के साथ सुरक्षित रखा जाएगा।