देहरादून: उत्तराखंड में नई शिक्षा नीति जल्द होगी लागू। शिक्षा विभाग ने की तैयारी
देहरादूनः नई शिक्षा नीति को लागू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बनने जा रहा है, जुलाई महीने से उत्तराखंड में नई शिक्षा नीति लागू होने जा रही है, जिसके शिक्षा विभाग ने तैयारियां लगभग पूरी कर ली है,
बाल वाटिका के माध्यम से नई शिक्षा नीति लागू होने जा रही है। क्या है यह बाल वाटिका है और किस तरीके से यहां पढ़ाई होगी? केंद्र सरकार के द्वारा जहां नई शिक्षा नीति को मंजूरी मिल चुकी है। वहीं, उत्तराखंड देश का पहला राज्य बनने जा रहा है, जो नई शिक्षा नीति को लागू करने वाला है, 5000 आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से यह शुरुआत होने जा रही है यानी कि जिन 5000 आंगनवाड़ी केंद्रों से इसकी शुरुआत होने जा रही है
उन्हें अब बाल वाटिका के रूप में पहचान मिलेगी जिसमें आंगनबाड़ी केंद्रों पर आने वाले नौनिहालों को पढ़ाई भी कराई जाएगी, शिक्षा निदेशक बंशीधर तिवारी का कहना है कि जुलाई महीने से नई शिक्षा नीति शुरू हो जाएगी जिसके लिए आंगनवाड़ी केंद्रों को बाल वाटिका के रूप में शुरू किया जाएगा।
बाल वाटिका में पढ़ाने वाली आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को ट्रेनिंग दी जाएगी ताकि वह बच्चों को पढ़ा सके,बाल वाटिका में पढ़ने वाले बच्चों के लिए सिलेबस भी तैयार किया जा रहा है एससीईआरटी के द्वारा यह सिलेबस तैयार किया जा रहा है,
एससीईआरटी के निदेशक सीमा जौनसारी का कहना है कि जिन 5000 प्राइमरी स्कूलों के कैंपस में आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हो रहे हैं उनसे बाल वाटिका के माध्यम से नई शिक्षा नीति की शुरुआत होगी जिसके लिए सिलेबस तैयार हो चुका है पहले चरण में जहां 5000 आंगनबाड़ी केंद्रों से इसकी शुरुआत होगी तो धीरे-धीरे सभी आंगनवाड़ी केंद्रों को बाल वाटिका के रूप में नई शिक्षा नीति के तहत पढ़ाई के रूप में शुरू किया जाएगा।
नई शिक्षा नीति के तहत प्राइवेट स्कूलों में एलकेजी और यूकेजी की तर्ज पर सरकारी स्कूलों में कक्षा 1 में दाखिला लेने वाले छात्रों को पहले अब आंगनवाड़ी केंद्रों पर भी पढ़ाई कराई जाएगी, ताकि वह प्राइवेट स्कूलों के छात्रों की तरह ज्ञान कक्षा 1 में जाने से पहले हासिल करने ऐसे में देखना ही होगा कि जिस उद्देश्य के साथ केंद्र सरकार ने नई शिक्षा नीति में बाल वाटिका केंद्र के माध्यम से पढ़ाई की शुरुआत की है उसके कितने बेहतर परिणाम उत्तराखंड में देखने को मिलेंगे।