देहरादून : चम्पावत उप चुनाव को लेकर अब भाजपा और कांग्रेस में छिड़ी जुबानी जंग
उत्तराखंड कांग्रेस ने चंपावत उपचुनाव को लेकर भले ही महिला प्रत्याशी को मैदान में उतारा हो लेकिन दावा किया जा रहा है कि कांग्रेस चुनाव से पहले ही भाजपा को वाक ओवर दे चुकी है,
निर्मला गहतोड़ी का नाम प्रत्याशी के तौर पर घोषित होते ही भाजपा ने इसे कांग्रेस की उपचुनाव से पहले ही हार बताया है। निर्मला गहतोड़ी को मजबूत प्रत्याशी बता रही है।
उत्तराखंड कांग्रेस ने चंपावत उपचुनाव के लिए प्रत्याशी की घोषणा कर दी। कांग्रेस हाईकमान की तरफ से यह घोषणा इसलिए चौंकाने वाली थी क्योंकि पार्टी ने इस सीट पर अब तक चुनाव लड़ते रहे हेमेश खर्कवाल को टिकट देने के बजाय पहली बार किस्मत आजमा रही निर्मला गहतोड़ी पर दांव खेला है।
निर्मला को कांग्रेस की तरफ से टिकट देने से जुड़ा पत्र जारी होते ही कांग्रेस के इस फैसले पर कई सवाल भी खड़े होने लगे हैं। दरअसल इस सीट पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सामने निर्मला को काफी कमजोर प्रत्याशी माना जा रहा है। उधर ऐसे समय में जब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद चंपावत से चुनाव लड़ रहे हैं
तब हेमेश खर्कवाल जो इस सीट पर कांग्रेस के विधायक भी रह चुके हैं उन्हें टिकट देने के बजाय किसी नए चेहरे को उतारने से भाजपा भी कांग्रेस को आड़े हाथ ले रही है। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता शादाब शम्स की माने तो कांग्रेस ने पहले ही घुटने टेक दिए हैं और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सामने पार्टी का कोई भी बड़ा नेता उतरने से कतरा रहा है और इसीलिए कांग्रेस ने निर्मला को बलि का बकरा बनाया है।
कांग्रेस ने बीते रोज चंपावत उपचुनाव के लिए निर्मला गहतोड़ी को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। जिसको लेकर अब बीजेपी और कांग्रेस में जुबानी जंग तेज हो गई है। एक तरफ जहां बीजेपी यह कह रही है कि निर्मला गहतोड़ी को चंपावत उपचुनाव से प्रत्याशी बनाकर कांग्रेस ने बीजेपी को वाक ओवर दिया है तो वहीं कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी निर्मला गहतोड़ी को हल्के में ना ले।
क्योंकि निर्मला गहतोड़ी एआईसीसी की सदस्य रह चुकी हैं। इसके साथ ही राज्य महिला सशक्तिकरण उपाध्यक्ष और राज्य समाज कल्याण बोर्ड की अध्यक्षा के पद पर उन्होंने काम किया है। उनका सारा राजनीतिक जीवन चंपावत के उत्थान में गुजरा है। लिहाजा चिंता बीजेपी को करनी चाहिए क्योंकि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चंपावत सीट पर पैराशूट प्रत्याशी हैं जबकि निर्मला गहतोड़ी चंपावत की ग्रास रूट की नेता है।