अल्मोड़ा:समग्र स्वास्थ्य एवं प्रसन्न रहने के लिए योग जरूरी,योग विज्ञान विभाग के प्रशिक्षु कर रहे हैं निःशुल्क योग शिविरों का आयोजन
योग विज्ञान विभाग,सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा, द्वारा आमजनमानस को योग के प्रति जागरूक करने एवं गाँव-गाँव, घर-घर योग की अलख जगाने के उद्देश्य से उत्तराखंड के विभिन्न जनपदों के साथ ही देश के विभिन्न राज्यों में भी निःशुल्क योग शिविरों का आयोजन कर जारी है। जिनमें प्रतिभागियों को सामान्य योग अभ्यासक्रम के साथ विभिन्न रोगों के उपचार हेतु भी योग का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
•शिविर में सामान्य योग अभ्यासक्रम के साथ विभिन्न रोगों के उपचार के लिए भी कराया जा रहा है योगाभ्यास
अभियान के तीसरे दिन आज योग शिक्षक रजनीश जोशी, गिरीश अधिकारी व लल्लन सिंह ने हेरिटेज भवन, विवेकानंद इंटर कॉलेज, पूर्वी पोखरखाली, कसार देवी, गधोली, डीनापानी में आयोजित योग शिविर का निरीक्षण किया गया। हेरिटेज भवन में योग शिक्षक गिरीश अधिकारी ने योग की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि योग साधनाओं में आसन, प्राणायाम, ध्यान, प्रार्थना आदि क्रियाओं द्वारा मानसिक रोगों का निवारण किया जा सकता है।
उनके द्वारा प्रतिभागियों को प्रार्थना, सूर्य नमस्कार, ताड़ासन, त्रिकोणासन, वज्रासन, पद्मासन, मण्डूकासन, भस्त्रिका, नाड़ीशोधन के साथ-साथ भक्ति योग का भी अभ्यास कराया गया। वहीं पूर्वी पोखरखाली में योग प्रक्षिशु कनिष्का भंडारी ने मोटापे को दूर करने के लिए योगाभ्यास कराया जिसके अन्तर्गत सूर्य-नमस्कार, चालान क्रियाएँ, उत्तनपादासन, सर्वांगासन, गोमुखासन, पश्चिमोत्तानासन, नौकासन, पवनमुक्तासन, भस्त्रिका, कपालभाति एवं अनुलोम विलोम का अभ्यास कराया गया।
इस दौरान योग शिक्षक लल्लन सिंह ने मोटापे पर आहार की उपयोगिता बताते हुए कहा कि सूर्य नमस्कार,आसन,प्राणायाम आदि क्रियाओं के साथ ही आहार में फल व सलाद आदि पदार्थो के सेवन तथा रेशे युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन से मोटापे को कम किया जा सकता है। योग शिक्षक रजनीश जोशी ने डीनापानी, व गधोली में योग शिविरों का निरीक्षण किया जहाँ योग प्रशिक्षक निशा बिष्ट ने श्वसन सम्बन्धी रोगों के लिए प्रार्थना, गोमुखासन, उत्ततानमंडूकासन, भुजंगासन, धनुरासन, भस्त्रिका, कपालभाति, भ्रामरी, उद्गीत आदि योगाभ्यास कराया।
योग सत्र में प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए योग शिक्षक रजनीश जोशी ने कहा कि योग द्वारा न केवल शारीरिक एवँ मानसिक रोगों का निदान होता है बल्कि यह प्रसन्न एवं तनावमुक्त जीवन के लिए एक वरदान है अतः हमें योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करना होगा। उन्होंनेआओ हम सब योग करें अभियान के उद्देश्य को समझाते हुए अधिक से अधिक लोगों को इस अभियान से जुड़कर निःशुल्क योग सीखने की अपील की।